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घर की चहारदीवार में सिमट कर रह गई जवान की शहादत

सिवान । दारौंदा प्रखंड के सवानविग्रह गांव के जवान की वीरगाथा हर ग्रामीण को 7 साल बीत जाने के बाद भी

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 05:56 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 07:41 PM (IST)
घर की चहारदीवार में सिमट कर रह गई जवान की शहादत

सिवान । दारौंदा प्रखंड के सवानविग्रह गांव के जवान की वीरगाथा हर ग्रामीण को 7 साल बीत जाने के बाद भी हर किसी के जबान पर याद है। लेकिन यह विडंबना ही है कि जवान के शहादत को हर ग्रामीण ने याद तो रखा लेकिन किसी अधिकारी और जनप्रतिनिधि को याद नहीं। दारौंदा प्रखंड के सवानविग्रह गांव के जवान कपिलेश्वर नाथ की वीरगाथा गांव के हर ग्रामीण को याद है। यहां के निवासी सह सैफ जवान कपिलेश्वर नाथ ¨सह का पार्थिव शरीर को सेना द्वारा 22 जून 2009 को लाया गया। 18 जून 2009 को उड़िसा से 90 किमी दूर कोरापुर जिला एनएच 55 पर स्थित जोगियापुर गांव के समीप नक्सली के बारूदी सुरंग विस्फोट में 11 जवान शहीद हुए थे जिनमें कपिलेश्वर नाथ का भी नाम था। जब शहीद का शव गांव पहुंचा तो पूरा इलाका गमगीन हो गया था। उनके बड़े भाई भुवनेश्वर नाथ ¨सह शहीद के पत्नी अनिता देवी सहित पुत्रों एवं परिजनों को उनके आंखों में आंसू छलक रहे थे, वही उनके शहादत पर गर्व महसूस कर रहे थे। पार्थिव शरीर आया तो तत्कालीन बीडीओ, सीओ, थाना प्रभारी सहित सैकड़ों ग्रामीण अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे। श्मशान घाट पर उड़िसा से आये सैनिक ने सलामी दी। उड़िसा सरकार ने परिजन को आठ लाख रुपये का चेक दिया। लेकिन बिहार सरकार से कोई भी सहायता नहीं मिला । 13 दिसंबर 2015 को शहीद के घर में परिजनों को बंधक बना कर भीषण डकैती हो गयी । जिसमें लाखों रुपये की सम्पत्ति डकैतों ने लूट लिया । शहीद की पुत्री की शादी की तैयारी के लिए रखे गहनों एवं समान लेकर चले गए । घटना के बाद इसमें शामिल डकतों की पहचान कर गिरफ्तारी एवं लूटे गये समान बरामद भी हुए । लेकिन डकैतों के पास बरामद गहनों को शहीद के परिवार को नही मिलने की मलाल है। वही शहादत को हुक्मरानों से लेकर आम लोगों को अब याद भी करना मुनासिब नहीं समझ रहे है।

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कहती है वीरांगना :

पति की शहादत को सात वर्ष हो गए। इस कोई भी प्रशासन के प्रतिनिधि या जनप्रतिनिधियों परिवार की सुध लेने नहीं पहुंचे । उड़िसा सरकार को छोडकर केंद्र या राज्य सरकार द्वारा कोई मुआवजा या सहयोग नहीं मिला । जिससे शहीद की आत्मा की शांति नहीं मिला । देश की रक्षा के लिए जान गवांने वाले पति के सम्मान में सड़क या कोई बुनियादी सुविधा नहीं मिली । जबकि शहीद के पुत्रों एवं पुत्री की पढ़ाई के लिए भी कोई सुविधा नहीं मिली । दिसम्बर 15 में डकैतों ने परिजनों को बंधक बना लाखो लूट लिया । लूट के कुछ समान बरामद होने के बाद अबतक परिवार को नहीं मिला ।

क्या कहते बड़े भैया

शहीद : बड़े भाई भुवनेश्वर नाथ ¨सह कहते हैं कि मेरे जाबांज छोटे भाई शहीद कपिलेश्वर नाथ ¨सह ने भारत माता की रक्षा करते हुए बलिदान देकर समाज एवं देश शहादत देने वालों में नाम जोड़े जाने से सभी ग्रामीण एवं परिवार फर्क महसूस कर रहा है । मेरे शहीद भाई के सम्मान में अबतक ना तो स्थानीय जनप्रतिनिधि या प्रशासन कोई दिलचस्पी नहीं लिया। जिसका मलाल परिवार एवं ग्रामीणों को है। शहीद के पुत्री की शादी के लिए रखे गये गहनों को डकैतों ने लूटी सामान को बरामद के बाद भी नहीं मिला। जिससे परिवार में रोष है।

कहते हैं बीडीओ शैलेन्द्र कुमार ¨सह

शहीद के परिजनों को जो भी संभव होगा उनके परिजनों को सहयोग किया जाएगा। शहीद के सम्मान में सरकार अथवा वरीय अधिकारियों का जो आदेश आएगा उसे तत्काल पूरा किया जाएगा।

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