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कृषि के क्षेत्र में पिताजी के कार्यों की आज भी होती है सराहना

मेरे पिताजी स्वर्गीय गौरीशंकर पांडेय, गुठनी प्रखंड के बलुआ गांव के निवासी अद्वितीय क्षमता ,ज्ञान और

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 05:50 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 07:41 PM (IST)
कृषि के क्षेत्र में पिताजी के कार्यों की आज भी होती है सराहना

मेरे पिताजी स्वर्गीय गौरीशंकर पांडेय, गुठनी प्रखंड के बलुआ गांव के निवासी अद्वितीय क्षमता ,ज्ञान और कर्मठ व्यक्तित्व के धनि थे। कृषि में ¨लकन कॉलेज क्राइस्ट चर्च न्यूजीलैंड से स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर बिहार सरकार के कृषि विभाग में कार्यरत रहे और निदेशक के पद से अवकाश प्राप्त किये। कृषि में क्रांति की अभिलाषा उनमें सदैव रही और उस क्षेत्र में निरंतर नए नए प्रयोग करते रहे। 1967 के अकाल के बाद उनकी भूमिका राज्यस्तर पर सघन खेती ,मिश्रित खेती एवं व्यवसायिक खेती और यांत्रिक प्रयोग पर नवीन नीति के रूप में आई। अवकाश प्राप्त करने के बाद हॉलैंड सरकार द्वारा बिहार सरकार की ट्राईवील योजना संस्थाल परगना में कृषि विकास के जुड़े रहे। मैरवा स्थित श्री राजेन्द्र कुष्ठ सेवाश्रम के संस्थापक पूज्य जगदीश दीन के साथ बहुत घनिष्ट संबंध थे। उनकी इच्छा अपने गांव को कृषि में सफल और आगे करने की थी, जो अपने जीवन नहीं कर पाए। वे जीवन पर्यंत गांव से जुड़े रहे। मेरी इच्छा है की उनके सपनों को साकार करने का हर संभव प्रयास करुं। इसके लिए मैं भी भारतीय थल सेना से कर्नल पद से सेवानिवृत होकर उनके अधुरे कार्यों को पूरा करने में जुटा हूं।

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आदित्य पाण्डेय

बलुआ, गुठनी, सिवान


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