शहरवासियों की प्रतिक्रियाएं
सिवान। मैदान उपलब्ध कराए सरकार खेल से मानसिक व बौद्धिक विकास होता है। इसलिए विद्यालयों म
सिवान।
मैदान उपलब्ध कराए सरकार
खेल से मानसिक व बौद्धिक विकास होता है। इसलिए विद्यालयों में खेल की घंटी बहुत जरूरी है। लेकिन सरकार और समाजसेवी खेल मैदान उपलब्ध कराने की पहल नहीं कर रहे हैं इससे बच्चों पर बुरा असर पड़ता है।
चन्द्रधारी शर्मा, लकड़ी नबीगंज
गुजरे जमाने की बात
हमलोग स्कूल के बाद गांव की परती , बगीचा में आदि में फुटबाल, कबड्डी आदि खेल खेलते थे। अब बच्चे खेल के लिए जगह ढूंढते फिर रहे हैं।
विक्रमा सिंह, पूर्व शिक्षक, लकड़ी नबीगंज
बदलाव बेहद जरूरी
बच्चों के लिए विद्यालय में आठवीं घंटी का औचित्य समाप्त हो गया है और बच्चे खेल से वंचित हो रहे हैं। इस स्थिति में बदलाव लाना होगा।
बड़ाबाबू मिश्रा, व्यवसायी, लकड़ी नबीगंज
खेल उपस्कर ही नहीं
विद्यालयों में खेल सामग्री की कमी और उस पर खेल मैदान का नहीं होना सभी बच्चों को खलता है। यह बच्चों के साथ नाइंसाफी है। इसका समाधान खोजना सभी को होगा। दैनिक जागरण का पहल सराहनीय है।
वीरेन्द्र प्रसाद, व्यवसायी लकड़ी नबीगंज
याद आती है आठवीं घंटी
आठवीं घटी में पहले खेल होता था हमलोग फुटबाल खेलते थे। आज यह घटी विलुप्त हो गई है। यह याद आता है। यह घटी फिर से लागू होनी चाहिए।
गोविन्द मिश्र, शिक्षक, गंधर्पा, नौतन
खेल बच्चों के बौद्धिक विकास के साथ-साथ शारीरिक एव मानसिक विकास के लिए आवश्यक है। परंतु खेल के मैदान एवं खेल शिक्षक के आभाव में आठवी घटी नहीं चल पा रही है।
दुर्गेश पाण्डेय, शिक्षक, नौतन
आठवीं घंटी में हो खेल
बच्चों की खेल कूद प्रतियोगिता के साथ उनके उछल कूद का पूरा प्रबंध आठवीं घटी में होना चाहिए ताकि बच्चों का विकास हो सके।
कृष्णा प्रसाद, व्यवसायी संघ अध्यक्ष, नौतन