नहीं मिल पा रहा नलकूप का लाभ
सिवान । लघु सिंचाई विभाग ने किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात दिलाने को ले वर्ष 1980 मे
सिवान । लघु सिंचाई विभाग ने किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात दिलाने को ले वर्ष 1980 में नगौली गांव में सरकारी नलकूप लगाया। यह नलकूप अब अपने आप में खुद समस्या बन चुका है। उस समय आसपास के किसानों में सिंचाई समस्या दूर होने की उम्मीद जगी थी जो अब तार-तार होकर रह गई है। आधुनिक तकनीकी से खेती करने वाले युवा प्रगतिशील किसान अशोक सिंह ने बताया कि इस नलकूप से 1982 से 1987 तक कच्चे नाले के माध्यम से सिंचाई होती थी। वर्ष 1987 में भूमिगत पाइप का निर्माण कराया गया। उस समय एक आपरेटर तथा एक मेठ की नियुक्ति यहां हुई थी। दोनों कर्मचारियों के सहयोग से 1992 तक हल्की फुल्की सिंचाई का काम चलता था। 1999 में मोटर बदला गया तथा 2002 में ट्रांसफार्मर बदला गया। आज मोटर तथा ट्रांसफार्मर चालू तो हैं लेकिन कर्मचारियों की उपेक्षा से लोग धीरे-धीरे पाइप वगैरह उखाड़ ले गए तथा नाले ध्वस्त हो गए। इसके आपरेटर तीन-चार माह पर आकर चले जाते हैं तथा बताते हैं कि हमारी प्रतिनियुक्ति जिला नलकूप विभाग सिवान में है। कारण जो हो खेतों में सिंचाई उपलब्ध कराने की यह योजना इतनी खर्च के बावजूद किसानों को किसी तरह का लाभ नहीं दे पा रही है। किसानों का कहना है कि इस योजना पर 4.5 लाख रुपये खर्च किए गए, इसका लाभ अब भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। नलकूप नकारा साबित हो रहा है।