वेतन के इंतजार में शिक्षकों के लिए घर चलाना मुश्किल
सिवान । नियोजित शिक्षकों को पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिला है। पर्व त्योहार के बावजूद वेतन का भु
सिवान । नियोजित शिक्षकों को पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिला है। पर्व त्योहार के बावजूद वेतन का भुगतान अटकने से उनके सामने जीवन यापन का संकट हो गया है। दीपावली और छठ में जैसे-तैसे व्यवस्था के बावजूद अब इन शिक्षकों का निर्वाह मुश्किल हो गया है। मध्य विद्यालय पनियाडीह की शिक्षिका मंजू माला देवी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने शिक्षकों का अक्टूबर माह में ही भुगतान का आदेश दिया था। इसके बावजूद नवंबर बीतने को है। दशहरा-दीपावली-बकरीद-मुहर्रम-छठ सब पर्व बिना वेतन के ही गुजर गए। जुलाई से ही भुगतान अटका होने से शिक्षक भयंकर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों पर शैक्षणिक कार्यो के बाद अन्य कार्यों को निष्पादन की जिम्मेवारी होती है, जिसे सरकार का आदेश मान शिक्षक जिम्मेवारी से कार्य का निष्पादन करते हैं, लेकिन वेतनमान भुगतान में शिक्षकों के साथ भेदभाव बरता जाता है। वही शिक्षक कृष्णा पासवान, मंजू साह, मुकेश कुमार सिंह, प्रमोद कुमार, जितेंद्र कुमार सिंह आदि ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से वेतनमान भुगतान की गुहार लगाई है ।
हसनपुरा : प्रखंड के कुछ शिक्षकों को अभी तक मानदेय नहीं मिला है। जिसके चलते उनके सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गयी है। मालूम हो कि नये वेतनमान लागू होने पर तीन माह का वेतन क्षेत्र के 75 प्रतिशत शिक्षकों को कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि जो शिक्षक चढ़ावा दिये है उनका शीघ्र ही भुगतान कर दिया गया है। जो नहीं दिए है उनको वंचित कर दिया गया है। जिनकी दीपावली व छठ फीकी बीती। वंचित शिक्षकों में फिरोज हैदर, उमेश सिंह, नादिर रजा, शमशुल जोहा अंसारी, तबस्सुम फातमा, उमेश सिंह, संजीव कुमार आदि दर्जनों वंचित शिक्षकों ने शीघ्र वेतन भुगतान करने की मांग की है।