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सीसीटीवी फुटेज से हुई थी अपराधियों की पहचान

सिवान। तीन माह पूर्व भाजपा सांसद ओमप्रकाश यादव के प्रवक्ता श्रीकांत भारतीय की बीच सड़क पर गोली मारकर

By Edited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 01:06 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 01:06 AM (IST)
सीसीटीवी फुटेज से हुई थी अपराधियों की पहचान

सिवान। तीन माह पूर्व भाजपा सांसद ओमप्रकाश यादव के प्रवक्ता श्रीकांत भारतीय की बीच सड़क पर गोली मारकर हत्या करने वाले अपराधी शादी समारोह से ही उनके पीछे लगे थे। इस घटना में तीन लोग शामिल थे और लखनऊ में सोमवार को कुख्यात मोनू उर्फ चवन्नी की गिरफ्तारी के बाद लाइनर उपेंद्र सिंह व गोली मारने की घटना में शामिल तीनों अपराधी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। होटल में 23 नवंबर की रात होने वाली शादी में श्रीकांत भारतीय अपनी बेटी की शादी का निमंत्रण देने गए थे। वहां से ही तीनों श्रीकांत के पीछे लगे और रास्ते में ही उन्हें ढेर कर दिया। तीनों की गिरफ्तारी के साथ ही एक तरह से इस घटना का पूरी तरह उदभेदन हो गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शादी के दौरान होटल के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों की पहचान की गई थी। सीसीटीवी फूटेज के आधार पर तीनों के बारे में पड़ताल करने पर स्पष्ट हुआ कि इन लोगों को विवाह समारोह में किसी ने आमंत्रित ही नहीं किया था। इसके बाद इन संदिग्धों की स्पष्ट वीडियोग्राफी तैयार कराई गई। वर वधू पक्ष ने इन्हें पहचानने से इन्कार किया तो साफ हो गया कि ये लोग संदिग्ध हैं। तब विशेष टीम में प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारियों ने यूपी के गोरखपुर, गाजीपुर तथा बलिया में एसटीएफ से मदद लेकर इनकी पहचान कराई। इनमें एक को भारतीय के आगे पीछे आते जाते देखा गया। उसकी पहचान गोरखपुर के कोतवाली थाने के अलीनगर उराडी के शैलेंद्र के रूप में हुई। तब फीडबैक मिला कि वह गोरखपुर से बंगाल भाग गया है। वर्धमान तक पीछा कर पुलिस ने अंतत: उसके घर में ही दबोचा। पूछताछ में शैलेन्द्र ने स्वीकार किया था कि हत्या के पहले इनलोगों ने श्रीकांत भारतीय के आने जाने एवं घूमने फिरने वाले स्थानों की रेकी की थी। हत्या के बाद वे लोग गोरखपुर भाग गये। पुलिस की जांच की सूचना पर वे कभी पश्चिम बंगाल के रानीगंज, वर्धमान, मेदनीपुर, कोलकाता तो कभी यूपी के देवरिया, गोरखपुर, बलिया, आजमगढ़ और लखनऊ शहरों में भागते रहे।

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उसने और बाद में पकड़े गए विक्की ने अलग-अलग पूछताछ में माना कि हत्या के पूर्व शैलेन्द्र यादव, विक्की व चवन्नी कई बार सिवान आ चुके थे। शैलेंद्र और विक्की ने बाद में कबूला कि दो दिन पूर्व सिवान आकर उसने गीतांजलि होटल से लेकर कृष्णा टाकिज के बीच के सभी रास्तों की पहचान भी की थी। वे तीनों सिवान में उपेंद्र सिंह की चिमनी पर रुके रहे।

असली षड्यंत्रकारी का हो पर्दाफाश

सिवान : भारतीय की हत्या में शामिल चवन्नी की गिरफ्तारी पर संतोष जताते हुए उनकी पत्नी और वार्ड पार्षद संगीता देवी ने कहा कि इससे साफ हो गया कि पुलिस अपना काम कर रही थी। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भाड़े के अपराधियों की गिरफ्तारी से ही बात नहीं बनेगी। पुलिस को इस कांड के असली सूत्रधार और षड्यंत्रकारी को भी पकड़ना होगा। भारतीय के पुत्र सत्यम उर्फ प्रिंस ने कहा कि पिता की हत्या के पर्दाफाश से उन्हें इस मामले में न्याय की उम्मीद बंधी है।


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