पपौर में उत्खनन, मिल रहे मिंट्टी के पुराने बर्तन
सिवान। पचरुखी प्रखंड के पपौर गांव स्थित टीले का उत्खनन गत 23 जुलाई से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभा
सिवान। पचरुखी प्रखंड के पपौर गांव स्थित टीले का उत्खनन गत 23 जुलाई से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग लगातार कर रहा है। अब तक विभिन्न कालखंडों के मिट्टी के बर्तन ही निकले हैं। इसके बावजूद लोगों की उत्सुकता में कोई कमी नहीं आ रही है। लोगों में बौद्धकालीन अवशेष मिलने की आशा बरकरार है। उत्खनन के लिए चयनित क्षेत्र में विभाग पांच वर्ग मीटर में खुदाई का कार्य करा रहा है। अभी तक मिले बर्तन सातवीं सदी के माने जा रहे हैं।
उधर रोजाना उत्खनन कार्य देखने के लिए लोगों की भीड़ उसी तरह उमड़ रही है पुरातत्व के उत्खनन प्रभारी सहित अन्य कर्मी पपौर टीले के समीप स्थित एक सरकारी स्कूल में डेरा डाल कर अपनी उपस्थिति में उत्खनन करा रहे हैं। पंचायत की मुखिया पुष्पा देवी ने बताया कि टीले की खुदाई गहरी होगी तो अवश्य ही बौद्ध से जुड़े अवशेष मिलेंगे। चूंकि ग्रामीणों के द्वारा पूर्व से की गई खुदाई के समय कई पुरात्कालीन मूर्तियां, सिक्के मिले थे जिस पर बौद्ध से जुड़ी चीजें पाई गई थी। मिट्टी के बड़े मृद्भांड समेत कई सामग्री मिली थी जिसे आज भी सुरक्षित रखा गया है। पुरातात्विद केसी श्रीवास्तव ने बताया कि उत्खनन आगे भी जारी रहेगा। कुछ और गहराई में जाने के बाद जो अवशेष मिलेंगे उसी से आगे की उम्मीद बनेगी।