मजदूर की पीट-पीट कर हत्या, शव को तालाब में फेंका
संसू, दारौंदा (सिवान) : थाना क्षेत्र के पिनर्थु कला गाव में गुरुवार की देर शाम एक मजदूर की गांव के त
संसू, दारौंदा (सिवान) : थाना क्षेत्र के पिनर्थु कला गाव में गुरुवार की देर शाम एक मजदूर की गांव के तीन लोगों ने मिलकर हत्या कर दी। इसके बाद उसके शव को तालाब में फेंक दिया। वह शौच करने के लिए घर से निकला था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया और शुक्रवार की सुबह पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया। इधर मृतक के परिजनों ने गांव के ही तीन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए हत्या करने का आरोप लगाया है।
मालूम हो कि पिनर्थु कला निवासी सालिक माझी के पुत्र चन्द्रदीप माझी मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता है। गुरुवार की देर शाम चंद्रदीप शौच के लिए गांव के बाहर स्थित गड्ढानुमा तालाब की तरफ गए। काफी समय बीत जाने के बाद जब चन्द्रदीप घर नहीं पहुंचे तो परिजन चितिंत हो उठे। वह चंद्रदीप की खोज में निकल पड़े। खोज करते हुए परिजन जब तालाब की तरफ पहुंचे तो देखा कि चंद्रदीप का शव पानी में पड़ा हुआ है और शरीर पर कई जगह चोट के निशान मौजूद है। इधर चंद्रदीप की हत्या मिलते की जानकारी मिलते ही गाव में सनसनी फैल गई। सूचना पर पुलिस पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में ले लिया। परिजनों का आरोप था कि गांव के तीन लोगों ने चंद्रदीप की पीट-पीट कर हत्या कर दी है। परिजनों का कहना था कि अप्रैल माह में बच्चों के विवाद में उन तीनों से चंद्रदीप के परिजनों की कहासुनी व मारपीट हुई थी। इसके बाद उनके बीच तनाव का माहौल चल रहा है। इसी को ले उन तीनों ने चंद्रदीप की हत्या कर दी है। इधर घटना के बाद परिजनों के शक में आए तीनों आरोपी फरार बताए जा रहे है। इधर पुलिस शुक्रवार की सुबह शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया। पुलिस सभी बिन्दुओं पर गहराई से पड़ताल कर रही है।
परिजनों की चीत्कार से वातावरण में पसरा मातमी सन्नाटा
पिनर्थु कला निवासी चन्ददीप की हत्या के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। मृतक के पिता सलिका माझी तो पुत्र की मौत के बाद रोए जा रहे थे। वहीं मृतक की पत्नी पुष्पा देवी बार-बार पति को याद कर अचेत हो जा रही है। इधर मां व अन्य परिजनों का रोता देख मृतक के दोनों पुत्र रितेश व जितेश भी रोए जा रहे थे। मौके पर मौजूद अगल-बगल की महिलाएं मृतक की पत्नी को संभालते हुए ढ़ाढ़स बंधा रही है। परिजनों की चित्कार से गांव का माहौल शोकाकुल हो गया था। ग्रामीण यह चर्चा करते हुए मिल रहे थे कि चंद्रदीप की मौत के बाद अब कौन इस परिवार का भरण-पोषण करेगा। सभी आंखे परिजनों की चीत्कार सुन नम हो गई थी।