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गोलियों की तड़तड़ाट से गूंजा भीखपुर-भगवानपुर

संसू, हसनपुरा (सिवान): एमएचनगर में पंट्टीदारों के बीच चल रहे विवाद में बीए पास युवक पर अंधाधुंध फायर

By Edited By: Published: Wed, 27 May 2015 05:49 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2015 05:49 PM (IST)
गोलियों की तड़तड़ाट से गूंजा भीखपुर-भगवानपुर

संसू, हसनपुरा (सिवान): एमएचनगर में पंट्टीदारों के बीच चल रहे विवाद में बीए पास युवक पर अंधाधुंध फायरिंग और उसकी मौत से गांव में दहशत व तनाव का माहौल रहा। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए कई थानों की पुलिस के गांव में कैंप करने से पूरा गांव छावनी में तब्दील रहा।

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मंगलवार की रात 11 बजे भीखपुर भगवानपुर गांव में तिलक समारोह का कार्यक्रम हर्ष के माहौल में संपन्न हुआ। इसके बाद जैसे ही लोग लौटने लगे, गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा उठा। इसके बाद चीख-पुकार और क्रंदन के माहौल ने पूरे गांव को भय के साये में ला दिया। सूचना पर पहुंचे एमएचनगर थाना प्रभारी अमित कुमार ने वरीय अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद आंदर इंस्पेक्टर मो.युसूफ, चैनपुर ओपी के मनोज कुमार सिंह, सिसवन थानाध्यक्ष जियाउल हक खां, आंदर थानाध्यक्ष अनिल कुमार दलबल के साथ पहुंच गए। देखते ही देखते भीखपुर भगवानपुर गांव पुलिस छावनी में तब्दील छो गया।

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आंखों के सामने भाई को मार डाला दरिंदों ने

संसू, हसनपुरा (सिवान): जिस वक्त अभिमन्यू को उसके पट्टीदार दौड़ा रहे थे। उस वक्त उसकी छोटी बहन जूही छत पर बिस्तर लगा रही थी। उसकी बड़ी बहन व मां भी छत पर मौजूद थी। इस बात का खुलासा जूही ने सदर अस्पताल में पुलिस को दिए अपने फर्द बयान में कही। अपने बयान में उसने कहा कि सड़क पर धक्का-मुक्की होने पर जब ंउसने टार्च जलाया तो उसके होश उड़ गए। करीब एक दर्जन लोग उसके भाई अभिमन्यु को मारपीट रहे थे। उसने पहचान लिया कि हमलावरों में उसके बड़े पापा के दो लड़के भी शामिल हैं। तब नाम लेकर चिल्लाई। बकौल जूही, जब तक उसके पिता, मां व बड़ी बहन वहां पहुंचते, चचेरे भाई परमेंद्र ने एक के बाद एक कई गोली दाग दी। इसके बाद सब फरार हो गए। प्राथमिकी में उसने जिन्हें पहचाना उनका नाम भी लिखाया है। उसके मुताबिक इस घटना में तीन महिलाएं भी शामिल थीं।

जमीन विवाद में दादा की हुई थी मौत, पिता का चला था इलाज

भीखपुर भगवानपुर गांव में मृतक के परिवार में पूर्व से ही जमीन विवाद चला आ रहा है। इस विवाद का दंश कई पीढि़यों को झेलना पड़ा है। 23 अप्रैल 2012 को अमरेन्द्र ने अपने दादा लालबहादुर सिंह व चाचा सुरेश सिंह को गोली मारी थी। तब लाल बहादुर की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि अभिमन्यू के पिता सुरेश सिंह का कई माह तक पटना के पीएमसीएच में इलाज चला था। इस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष पीएन सिंह ने अमरेन्द्र की गिरफ्तारी का काफी प्रयास किया परंतु सफल नहीं पाए। इसके बाद अमरेन्द्र के घर की कुर्की जब्ती कराई थी। अभी यह मामला न्यायालय में चल ही रहा है। परिवार के लोगों का कहना है कि पुराने मामले को रफा-दफा करने की धमकी दी जा रही थी। उसने कहा है कि परमेन्द्र सिंह की पत्‍‌नी सीमा देवी ने महज कुछ दिन पहले केस उठा लेने की धमकी दी। ऐसा न होने पर पूरे परिवार की हत्या करने की बात कही थी।

फरार हुए आरोपियों के परिजन

घटना के बाद हत्यारोपितों के परिजन फरार है। परमेंद्र की पत्नी सीमा देवी पिछले कई दिनों से गांव में नहीं है। बडे़ भाई अमरेन्द्र की पत्‍‌नी गुड्डी देवी व छोटे भाई सत्येन्द्र सिंह की पत्‍‌नी प्रियंका देवी के अलावा घर के अन्य सदस्य फरार है।


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