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भवनहीन विद्यालयों के बहुरेंगे दिन

जासं, सिवान : ठंड, गर्मी व बरसात खुले असामान तले पढ़ने वाले नौनिहालों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हे

By Edited By: Published: Wed, 25 Mar 2015 06:41 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2015 06:41 PM (IST)
भवनहीन विद्यालयों के बहुरेंगे दिन

जासं, सिवान : ठंड, गर्मी व बरसात खुले असामान तले पढ़ने वाले नौनिहालों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें धूप, धूल, बरसात व आंधी का सामना नहीं करना पड़ेगा और न ही उनकी पठन-पाठन प्रभावित होगा। भले ही कुछ दूर चलने की मजबूरी आ जाए। प्रधान सचिव के आदेश पर डीएम ने सभी भवनहीन विद्यालयों को नजदीक के विद्यालयों में शिफ्ट करने के आदेश का अनुमोदन कर दिया है। इसके साथ ही डीईओ विद्यालयों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया में जुट गए हैं। सब कुछ ठीक रहा तो एक-दो रोज के अंदर जिले के भवनहीन विद्यालय नजदीक के विद्यालयों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।

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सर्वशिक्षा अभियान के डीपीओ राजकुमार ने बताया कि जिले में करीब 183 प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय ऐसे थे जिनके पास अपना भवन नहीं था। उक्त विद्यालय पेड़ व खुले आसमान के नीचे चलते थे। इनमें से कई विद्यालयों को पहले ही पंचायत भवन व सामुदायिक केंद्रों में शिफ्ट किया जा चुका है। इन समस्याओं को देखते हुए प्रधान सचिव ने ऐसे विद्यालयों को नजदीक के विद्यालयों में शिफ्ट कराने का आदेश दिया था। उन्होंने आदेश में यह कहा था कि भवनहीन विद्यालयों का भवन जब तक नहीं बनता है तब तक उनका संचालन नजदीक के विद्यालयों में कराया जाय। इधर प्रधान सचिव के आदेश पर डीएम ने भवनहीन विद्यालयों को नजदीक के विद्यालयों में संचालन मात्र के लिए शिफ्ट करने का आदेश निर्गत कर दिया। वर्तमान में 117 भवनहीन विद्यालय जिले में ऐसे है जो खुले आसमान तले संचालित होते हैं। उन्हें शिफ्ट करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। एक से दो दिन के अंदर डीईओ जिले के सभी बीईओ को इस संबंध में आदेश निर्गत कर देंगे। उन्होंने बताया कि उक्त विद्यालयों को संचालन मात्र के लिए नजदीक के विद्यालयों में शिफ्ट किया जा रहा है। इसका यह अर्थ नहीं है कि उस विद्यालय को मर्ज किया जा रहा है बल्कि विद्यालय का स्वंतत्र अस्तित्व बना पूर्व की भांति ही बना रहेगा। भवन बन जाने के बाद उक्त विद्यालय अपने भवन में संचालित होने लगेगा।

सरकारी भवन में चल रहे 50 भवनहीन विद्यालय

भवनहीन विद्यालयों को दूसरे विद्यालयों या फिर सरकारी भवनों में शिफ्ट करने का आदेश मिलने पर इनके प्रधानाध्यापकों ने अपने विद्यालय को गांव स्थित पंचायत भवन, सामुदायिक भवन सहित अन्य सरकारी भवनों में शिफ्ट कर लिया। वर्तमान में जिले के विभिन्न प्रखंडों में 50 विद्यालय ऐसे है जो सरकारी भवनों में शिफ्ट हो गए और उनका संचालन हो रहा है। ऐसे विद्यालयों के लिए भी भवन निर्माण करा कर अपने भवन में शिफ्ट कराया जाएगा।

16 स्कूलों को उपलब्ध हो गया भवन

भवनहीन विद्यालयों में शामिल जिले के करीब 16 विद्यालय के प्रधानाचार्य जमीन की तलाश तेज कर निर्माण कार्य शुरू करा दिया। उनकी मेहनत का नतीजा कुछ ही दिन में उनके विद्यालय के पास अपना भवन हो गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में छात्र व छात्राएं रोजना शिक्षा ग्रहण करते है। उन्हें संचालन के लिए दूसरे विद्यालयों का भी सहारा नहीं लेना पड़ा।


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