एडमिशन से वंचितों का डीएवी कालेज में हंगामा
जासं, सिवान : नामांकन सूची में नाम न होने से आक्रोशित छात्रों ने गुरुवार को शहर के डीएवी पीजी काल
जासं, सिवान : नामांकन सूची में नाम न होने से आक्रोशित छात्रों ने गुरुवार को शहर के डीएवी पीजी कालेज में जमकर हंगामा किया। नारेबाजी करते हुए वे कालेज के अंदर दाखिल हुए औैर पढ़ाई से लेकर आफिस कार्य तक प्रभावित कर दिया। छात्रों का आरोप था कि कालेज प्रशासन बाहरी छात्रों को तवज्जो दे रहा है जो कदाचार करके पास हुए है। आक्रोशितों ने तीन दिन का समय देते हुए इसके बाद भी एडमिशन न होने पर जोरदार आंदोलन करने की चेतावनी दी।
मालूम हो कि डीएवी पीजी कालेज में चार दिनों से नामांकन चल रहा है। रोजाना भारी संख्या में छात्र-छात्राओं की भीड़ नामांकन के उमड़ रही है। गुरूवार को भी एमए के लिए एडमिशन के लिए छात्र काफी संख्या में इकट्ठा थे। इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि एडमिशन न होने वाले छात्रों की सूची जारी हो गई है। इस सूचना के बाद छात्र आक्रोशित हो गए। छात्र राजद नेता अफजल इकबाल साना ने नेतृत्व नारेबाजी करते हुए विद्यालय में पहुंचे और विश्वविद्यालय व महाविद्यालय प्रशासन विरोधी नारे लगाने लगे। छात्रों का आरोप था कि डीएवी में अंक आधारित प्रवेश में बाहरी है छात्रों को वरीयता दी जा रही है। इस कारण जिले के छात्र प्रवेश से वंचित हो जा रहे हैं। छात्रों का कहना था कि विश्व विद्यालय ने विकल्प के रूप में तीन कालेजों का लिस्ट फार्म में भरने का निर्देश दिया था। लेकिन प्रवेश के समय आवेदन को एक का ही दिखाते हुए उन्हें नामांकन से वंचित कर दिया गया। छात्रों का कहना था कि तय समयसीमा में उनका नामांकन नहीं हुआ तो वह आंदोलन करने को बाध्य होंगे। हंगामा करने वालों में संदीप, कृष्ण मुरारी सिंह, माहताब अली, राजा सिंह, उज्जवल गिरि, युसूफ सहित सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे।
उधर प्राचार्य डा.अजय कुमार पंडित ने बताया कि नामांकन न होने पर राजद के छात्र नेताओं ने हंगामा किया। उन्होंने कहा कि नामांकन की सूची विश्वविद्यालय से जारी होती है। जो भी हुआ है उसमें कालेज की कोई भूमिका नहीं है।
24 तक होगा पीजी का नामांकन
डीएवी कालेज में चल रही पीजी में नामांकन की तिथि को बढ़ा दिया गया है। अब 24 दिसंबर तक अंतिम तिथि है। यह जानकारी कालेज के प्राचार्य डा. अजय कुमार पंडित ने दी। उन्होंने बताया कि सूची देर से प्राप्त होने पर विश्व विद्यालय से अनुरोध किया गया था कि इस सूची को विस्तारित कर दिया जाय। इसके बाद विश्व विद्यालय ने तिथि को आगे बढ़ा दिया है।