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पुण्यतिथि पर याद किये गए 'भौंर'

जासं, सिवान : शहर के पंच मंदिरा में कपिल देव पांडेय भौंर स्मृति समिति के तत्वावधान में भोजपुरी

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 10:22 AM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 10:22 AM (IST)
पुण्यतिथि पर याद किये गए 'भौंर'

जासं, सिवान : शहर के पंच मंदिरा में कपिल देव पांडेय भौंर स्मृति समिति के तत्वावधान में भोजपुरी कवि भौंर की 10 वीं पुण्यतिथि मनायी गई। इस दौरान आयोजित कवि सम्मेलन व मुशायरे का भी आयोजन समिति द्वारा किया गया था। जिसमें कविता व रचनाएं पढ़ उनके जीवन पर प्रकाश डाला।

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कार्यक्रम में सबसे पहले कमर सिवानी ने अपनी रचना मेरे लव पे हंसी जो आई है, वो अपनी नहीं पराई है प्रस्तुत की जो काफी सराही गई। इसके बाद अवधेश पांडेय मिसरा लारी की पंक्ति जहां हिंदू, मुसलमान, सिख व इसाई बसता है, मेरे गांव में मेरा देश हिन्दुस्तान बसता है को भी खूब वाह-वाही मिली। इसी तरह फारूक सिवानी ने दर बदर फिरता है पागल की तरह, इश्क अवारा है बादल की तरह, डा. जाहिद सिवानी ने प्यार का राग व बुढ़ापे में ऐसे बीमार की ऐसी-तैसी, रेयाज मोहिमुद्दीनपुरी ने मेरे जीने का हौसला बढ़ गया, आपकी बज्म में जब नवाजा गया व डा. ऐहतेशाम की पंक्ति हमने माना कि अब बढ़ गई हैं दूरियां, कुछ करो ऐसा कि दिल का रास्ता जिंदा रहे को भी लोगों ने काफी पसंद की। इसी तरह डा. जेया कुतबी, प्रो. एसरार अहमद, डा. बीके तिवारी, सेराज हसनपुरवी, विजय लक्ष्मी विनोदनी, सियारमण त्रिपाठी, ललन मिश्रा, प्रो. रामचंद्र सिंह, राज सिवानी, राम किशुन अकेला, डा. मुश्ताक, डा. इल्तेफात अमजदी, डा. पीके शुक्ल, अजय कुमार अजीत, युगुल किशोर दुबे, सफरी मखदुमी, चतुरानन पांडेय, आरआर सुशील, जेया हैदरी, श्रीराम व ज्ञानवती देवी आदि ने भी अपनी-अपनी रचनाएं पढ़ी। इस मौके पर रेयाज मोहिमुद्दीनपुरी व ओम प्रकाश नारायण को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कमर सिवानी व संचालन डा. जाहिद सिवानी ने किया।


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