विप उपचुनाव : आज खुलेगा किस्मत का पिटारा
जासं, सिवान: विधान परिषद उप चुनाव में ताल ठोक रहे प्रत्याशियों की किस्मत का पिटारा सोमवार को खुलेगा। शुक्रवार को हुए मतदान में डाले गए वोटों की गिनती के साथ ही यह तय हो जाएगा कि सिवान के जनप्रतिनिधियों की पहली पसंद कौन है। मतगणना की सारी तैयारी पूरी हो गई है। भारी सुरक्षा के बीच डीएवी स्नातकोत्तर कालेज में मतगणना सुबह आठ बजे शुरू होगी और चार से पांच घंटे के बीच परिणाम आ जाने की उम्मीद है। मतगणनास्थल पर निर्वाची पदाधिकारी के रूप में खुद जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह मौजूद रहेंगे। मतगणना के लिए तैनात अन्य अधिकारी भी वहां मौजूद रहेंगे। सभी प्रमुख प्रत्याशियों के जीत और पुख्ता बूथ मैनेजमेंट के दावे के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि जीत का सेहरा बंधता किसके सिर है।
वैधमतों की लक्ष्मणरेखा पार करना जरूरी
मतगणना के दिन वैध मतों को पार करने वाले प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा बंधेगा। जीत के लिए कुल प्राप्त वैधमतों का आधा से अधिक पाने वाले ही जीतेंगे। अगर मतगणना के पहले चक्र में किसी भी प्रत्याशी ने वैध मत के आंकड़े को नहीं पार किया तो सबसे कम मत पाने वाले प्रत्याशियों की छंटनी करते हुए उसके मत पत्र पर अंकित द्वितीय वरीयता को प्रत्याशियों के मतों में शामिल कर लिया जाएगा। अगर इसके बाद भी वैध मत का आंकड़ा नहीं पार होता है तो फिर से सबसे कम मत पाने वाले प्रत्याशी को छांटते हुए उसके मत पत्र पर भी अंकित द्वितीय वरीयता प्रत्याशियों के साथ जोड़ दिया जाएगा। जो प्रत्याशी वैध मत पा जाएगा, उसके सिर पर जीत का सेहरा बांध दिया जाएगा। यूं कहे तो विप उप चुनाव में द्वितीय वरीयता का भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
ये हैं मैदान में
- राजग समर्थित टुन्नाजी पांडेय
- महागठबंधन समर्थित अजय सिंह
- माले समर्थित महादेव पासवान
- निर्दलीय विनय कुमार पांडेय
- सलीम सिद्दिकी पिंकू
- नंदजी चौधरी
- धनंजय पांडेय
- विनोद दुबे (टुन्नाजी के समर्थन में बैठने की कर चुके हैं घोषणा)
प्रशिक्षण के साथ मिली कई हिदायतें
विप उपचुनाव की मतगणना को ले रविवार को भी एआरओ, पर्यवेक्षक व सहायक को प्रशिक्षण दिया गया। वहां सभी मतदानकर्मियों को हर हाल में निष्पक्ष रहने और किसी दबाव में नहीं आने की भी नसीहत दी गई। प्रशिक्षण नोडल पदाधिकारी सह जिला मिड डे मिल योजना पदाधिकारी देवेन्द्र कुमार दर्द ने मतगणना का प्रशिक्षण देते हुए बताया कि मतगणना के लिए आठ टेबुल लगाया जाएगा। प्रत्येक टेबुल पर दो सहायक व एक प्रर्यवेक्षक तैनात रहेंगे। इस दौरान प्रत्याशियों द्वारा एक-एक गणना अभिकर्ता को आरओ टेबुल पर तैनात किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रथम चक्र में आठ बूथ का बक्सा टेबुल पर लाया जाएगा। इसके बाद 50-50 का बंडल बनाते हुए प्रथम वरीयता की गणना की जाएगी। गणना के क्रम मे वैध व अवैध मतो को छांट लिया जाएगा। काउंटिंग के बाद 16 बूथों की मतगणना को जोड़ा जाएगा। इसमें वैध मतों के कोटा को पार करने वाले प्रत्याशी को निर्वाचित घोषित की जाएगा। कोटा नहीं पूरा होने पर एलिमिनेशन सिस्टम यानि छंटनी के बाद विजयी प्रत्याशी के नाम की घोषणा की जाएगी। मतगणना आरओ के रुप में मौजूद जिला पदाधिकारी की देखरेख में होगा। उनके ही देखरेख एआरओ, पर्यवेक्षक व सहायक मतगणना का कार्य निपटाएंगे। वैध मतो को पार करने पर आरओ (जिलाधिकारी) खुद प्रत्याशी के नाम की घोषणा करेंगे। इस चुनाव के लिए एआरओ की भूमिका जहां एसडीओ की है वहीं पर्यवेक्षक के रुप में सीओ व प्रखंड में तैनात सीनियर सुपरवाइजर एवं सहायक के रुप में प्रखंड के वरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे।