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मौत के बाद शव उठाने में भी जद्दोजहद

जिले में शव ढोने के लिए इकलौता वाहन है वह भी सदर अस्पताल में। हैरत की बात यह की इस शव वाहन की जिम्मेदारी भी इकलौते चालक पर है। जिसे 24 घंटे सदर अस्पताल में रहना पड़ता है।

By Edited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 01:36 AM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 01:36 AM (IST)
मौत के बाद शव उठाने में भी जद्दोजहद

सीतामढ़ी। जिले में शव ढोने के लिए इकलौता वाहन है वह भी सदर अस्पताल में। हैरत की बात यह की इस शव वाहन की जिम्मेदारी भी इकलौते चालक पर है। जिसे 24 घंटे सदर अस्पताल में रहना पड़ता है। 1099 द्वारा दी गई इस सेवा के तहत काल करने पर पटना से मिले निर्देश के आलोक में महज पांच मिनट में वाहन लेकर चालक उपस्थित होता है। इस वाहन से सदर अस्पताल से हर माह औसतन पांच से छह शव को पहुंचाया जाता है। हालांकि ज्यादातर लोग अपने जीप व टेम्पो आदि से ही शव ले जाते है। यह बात अलग है कि अस्पताल में सक्रिय दलाल लोगों को फांस कर निजी एम्बुलेंस के जरिए शव भेजवाते है। निजी एम्बुलेंस संचालक इसके लिए मोटी रकम वसूलते है। जबकि सदर अस्पताल के शव वाहन के लिए 5 रुपये निबंधन में लगता है, वहीं 10 रुपये प्रति किमी की दर से शुल्क लिया जाता है।

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हड़ताल पर गए चालक : सदर अस्पताल स्थित इकलौते शव वाहन का चालक हड़ताल पर है। यहां 1099 द्वारा दो एम्बुलेंस व एक शव वाहन उपलब्ध कराया गया है। लेकिन अक्टूबर 2015 से भुगतान के अभाव में एम्बुलेंस 1099 के चालक व कर्मी के साथ शव वाहन के कर्मी भी 5 अगस्त से हड़ताल पर है। लिहाजा मरीज को ले जाने के लिए अन्य योजना के तहत एम्बुलेंस तो है लेकिन शव ढोने का काम बंद है।निजी एम्बुलेंस संचालकों की बल्ले - बल्ले : शव वाहन के चालक की हड़ताल का पूरा फायदा निजी एम्बुलेंस चालक - संचालक उठा रहे है। मरीज हो या लाश, मनमाना दाम मिलने पर निजी एम्बुलेंस चालक - संचालक एम्बुलेंस में लाश रखकर पहुंचाते भी है। सरकारी शव वाहन से लाश ढोने के लिए जहां 5 सौ रुपये खर्च होते है वहीं निजी एम्बुलेंस संचालक इसके लिए कम से कम दो हजार यानि चौगुना राशि वसूलते है। हडुताल की वजह से निजी एम्बुलेंस चालक - संचालक की इन दिनों बल्ले - बल्ले है।

कहते है प्रभारी सीएस : प्रभारी सीएस डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव बताते है कि भुगतान के अभाव में पिछले 22 दिनों से शव वाहन के चालक हड़ताल पर है। इससे शव ढोने में परेशानी हो रही है। शीघ्र ही बकाया भुगतान करा एम्बुलेंस 1099 व शव वाहन के चालक व कर्मियों की हड़ताल समाप्त कराई जाएगी। डा. श्रीवास्तव मानते है कि पूरे जिले में शव ढोने के लिए एक वाहन कम है।


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