बिजली समस्या से त्रस्त हैं बेलसंड के उपभोक्ता
विभाग विभाग के अभियंताओं की लापरवाही से बेलसंड में सब स्टेशन चालु होने के बाद भी क्षेत्र के लोग बिजली की समस्या से परेशान हैं।
सीतामढ़ी। विभाग विभाग के अभियंताओं की लापरवाही से बेलसंड में सब स्टेशन चालु होने के बाद भी क्षेत्र के लोग बिजली की समस्या से परेशान हैं। बेलसंड में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व प्रखंड कार्यालय परिसर में करोड़ों रुपये की लागत से ग्रिड सब स्टेशन के निर्माण विधायक सुनीता ¨सह चौहान के प्रयास से किया गया। समय सीमा के अंदर निर्माण को पूर्ण कराकर इसका उद्घाटन भी करा दिया गया। फिर भी समस्या बऱकरार है। कारण का पड़ताल करने पर ज्ञात हुआ कि क्षेत्र में विधुत आपूर्ति चंदौली पावर सब स्टेशन से किया जा रहा है। इसकी क्षमता 5 मेगावाट की है। इस सब स्टेशन से बेलसंड व परसौनी फीडर को बिजली आपूर्ति की जाती है। बेलसंड फीडर में 2.5 मेगावाट व परसौनी फीडर में 3.5 मेगावाट का लोड है। जिस कारण लोड शे¨डग की समस्या रहती है। ग्रिड के निर्माण के साथ न तो पॉवर सब स्टेशन की क्षमता बढाई गई और न ही नए पावर सब स्टेशन का ही निर्माण कराया गया। जबकि घर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य मुख्यमंत्री के सात निश्चय में शामिल है।क्या कहते है अधिकारी : ग्रिड के सहायक अभियंता मो. नसीम अंजर बताते है कि ग्रिड को 6 मेगावाट बिजली मिल रही है। इस ग्रिड को केवल चंदौली पावर सब स्टेशन को ही बिजली देना है। लेकिन पावर सब स्टेशन की क्षमता कम होने क कारण यह समस्या है। विद्युत् आपूर्ति की समस्या के लिए कार्यपालक अभियंता ग्रिड में गड़बड़ी बताते है। कया कहते है उपभोक्ता भोरहा के अरुण कुमार ¨सह का कहना है कि कनीय अभियंता हमेशा गायब रहते है। विभाग के कनीय अभियंता ,सहायक अभियंता व कार्यपालक अभियंता का मोबाइल हमेशा बंद रहता है। कभी कभी घंटी बजने पर भी काल रिसिव नहीं करते है। यह शिकायत बेलसंड के रामकृष्ण ¨सह,मांची के कौशल किशोर ¨सह आदि उपभोक्ताओं की भी है। कहते हैं कि बिजली की कमी के कारण उपभोक्ता त्रस्त है। कम बारिस होने से फसले सुख रही है। भीषण गर्मी से लोग बेहाल है। फिर भी विभाग के अभियंता चैन की ¨नद ले रहे हैं। उन्हें न तो मुख्यमंत्री के सात निश्चय से कोई मतलब है और न आम उपभोक्ता से।