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फर्जी एसआइओ के सहारे चल रही अनाज की कालाबाजारी

सीतामढ़ी में सरकारी अनाज की कालाबाजारी कोई नई बात नहीं रहीं है। पिछले दो दशक से अधिक समय से जिले में खाद्यान्न माफिया का संगठित रैकेट सक्रिय है।

By Edited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 03:01 AM (IST)
फर्जी एसआइओ के सहारे चल रही अनाज की कालाबाजारी

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी में सरकारी अनाज की कालाबाजारी कोई नई बात नहीं रहीं है। पिछले दो दशक से अधिक समय से जिले में खाद्यान्न माफिया का संगठित रैकेट सक्रिय है। वर्तमान में सरकारी अनाज की कालाबाजारी का मामला फिर से सुर्खियों में है। इस बार फर्जी एसआइओ (खाद्यान्न निर्गमोदश) पर सरकारी अनाज की कालाबाजारी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। एसएफसी के जिला प्रबंधक मो. बलागउद्दीन द्वारा रून्नीसैदपुर, डुमरा व सोनबरसा थाने में तीन दिनों के भीतर लगातार तीन प्राथमिकी दर्ज कराई है। आइटी मैनेजर व सहायक लेखा पदाधिकारी ने परिवहन सह हथालन अभिकर्ता यानी डोर स्टेप डिलेवरी अभिकर्ता को अनाज की ढुलाई की लाखों की राशि का भुगतान करने को लेकर जिला प्रबंधक को कसूरवार ठहराते हुए दर्ज प्राथमिकी पर ही सवाल उठाया गया है। फर्जी एसआइओ को लेकर सोनबरसा में हुई प्राथमिकी में प्रभारी गोदाम प्रबंधक महेश झा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर भी सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि पूर्व के एजीएम की कारगुजारियों की सजा वर्तमान एजीएम को भुगतनी पड़ रही है। सोनबरसा में एजीएम के अलावा आइटी मैनेजर व सहायक लेखा पदाधिकारी के खिलाफ अक्टूबर व नवंबर में खाद्यान्न के उठाव में फर्जी एसआइओ को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। लेकिन अप्रैल माह में ही सोनबरसा में फर्जी एसआइओ पर करोड़ों का गोलमाल किया गया था।

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हो सकती है आइटी मैनेजर की बर्खास्तगी

सीतामढ़ी : सीतामढ़ी एसएफसी में फर्जी एसआइओ के आधार पर सरकारी अनाज की कालाबाजारी के मामले में दो टीमें जांच में लगी हैं। एसएफसी मुख्यालय पटना की टीम के अलावा डीएम द्वारा गठित टीम भी मामले की जांच कर रहीं है। लेकिन अब तक टीम गड़बड़ी के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं। इस मामले में जिला प्रबंधक द्वारा दर्ज तीन अलग - अलग प्राथमिकी में जो तथ्य दिए गए है उस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जांच टीम ने आइटी मैनेजर के लैपटाप की जांच की है। हालांकि जांच में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। हालांकि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद एसएफसी को तकनीकी सेवा प्रदान करने वाली कंपनी फोर - जी ने आइटी मैनेजर गौरव कुमार को निलंबित कर दिया है। माना जा रहा है कि फोर जी कंपनी आइटी मैनेजर को बर्खास्त भी कर सकती है। जबकि इस पूरे मामले को लेकर आइटी मैनेजर ने जिला प्रबंधक पर सवाल उठाते हुए उनके खिलाफ कोर्ट में जाने की बात कहीं है।


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