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शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन

सीतामढ़ी। एक तरफ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता अभियान सहित कई योजनाएं चला रही है। वहीं

By Edited By: Published: Thu, 05 May 2016 12:37 AM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 12:37 AM (IST)
शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन

सीतामढ़ी। एक तरफ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता अभियान सहित कई योजनाएं चला रही है। वहीं जिले के कपरौल प्राथमिक विधालय उर्दू से पांचवी उतीर्ण बच्चों का नामांकन उनके इच्छा व सुविधा के अनुसार नहीें हो रहा है। मो. फिरोज आलम, मो. सर्फूद्दीन अंसारी व मो. अख्तर हुसैन सहित कई अभिभावकों ने डीएम व डीईओ को आवेदन देकर बच्चों को उनकी इच्छा व सुविधा के अनुसाद आदर्श नगरपालिका मध्य विधालय, भवदेपुर में नामांकन का आदेश देने का आग्रह किया है।

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क्या है मामला : कपरौल प्राथमिक विधालय उर्दू से पांचवी उतीर्ण बच्चें आदर्श नगरपालिका मध्य विधालय भवदेपुर में नामांकन कराना चाहते है। किन्तु प्राचार्य द्वारा बच्चों का नामांकन पोषक क्षेत्र नहीं होने का बहाना बनाकर नही लिया जा रहा है। जबकि पोषक क्षेत्र के विधालय सिरौल, चांदपुरा व भवदेपुर गोट की दूरी अधिक है। साथ ही ग्रामीण इलाका होने की वजह से उक्त विधालयों में शैक्षणिक व्यवस्था सु²ढ़ नहीं है। बच्चे शहरी क्षेत्र व अच्छी शैक्षणिक व्यवस्था होने की वजह से आदर्श नगरपालिका मध्य विधालय, भवदेपुर में पढ़ना चाहते है।

क्या कहते है अभिभावक : मो. फिरोज आलम, मो. सर्फूद्दीन अंसारी व मो. अख्तर हुसैन आदि अभिभावक बताते है कि प्राथमिक विधालय उर्दू कपरौल से पांचवी उतीर्ण बच्चे आदर्श नगरपालिका मध्य विधालय भवदेपुर में पढ़ना चाहते हैं। किन्तु उनका नामांकन नही लिया जा रहा है। जबकि कपरौल गांव के बड़ी संख्या में बच्चें आदर्श नगरपालिका मध्य विधालय भवदेपुर में पढ़ते है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को उनके इच्छा के विरुद्ध किसी अन्य विधालय में पढ़ने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। बच्चों को उनकी इच्छा के अनुसार विधालय में दाखिला कराया जा सकता है। लेकिन आदर्श नगरपालिका मध्य विधालय के प्राचार्य द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है।

क्या कहते है प्राचार्य : आदर्श नगरपालिका मध्य विधालय भवदेपुर के प्राचार्य विपीन कुमार बताते है कि शिक्षा विभाग के आदेशानुसार पहले पोषक क्षेत्र के बच्चों का नामांकन किया जाना अनिवार्य है। उसके बाद ही पोषक क्षेत्र से बाहर के बच्चों का नामांकन करना है।


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