प्रोटीन पाउडर का कैप्सूल बना सप्लाई करने का खुलासा
सीतामढ़ी। थोड़ा प्रोटीन का पाउडर और उसमें थोड़ी सी आयुर्वेदिक अश्वगंधा व अन्य दवा का मिश्रण तैयार करन
सीतामढ़ी। थोड़ा प्रोटीन का पाउडर और उसमें थोड़ी सी आयुर्वेदिक अश्वगंधा व अन्य दवा का मिश्रण तैयार करने के बाद मिश्रण को कैप्सूल में भर दिया जाता और फिर उसे री पै¨कग कर बाजार में बेचा जाता है। इस दवा का उपयोग शहर से लेकर गांव तक दवा दुकानदार व सौ से अधिक चिकित्सक उपयोग करते रहे है। गलत व फर्जी तरीके से दवाओं की री - पै¨कग का यह खेल शहर के बाइपास स्थित लाइफ ग्लो नामक नर्सिंग होम में वर्षों से चल रहा है। नर्सिंग होम की आड़ में न केवल दवाओं की री - पै¨कग की जाती है, बल्कि इस क्लीनिक में असाध्य व विचित्र रोगों के साथ बांझपन, गंजापन व पुत्र जनने की भी दवा देकर इलाज का दावा किया जाता रहा है। रविवार को प्रशासनिक टीम की छापेमारी में लाइफ ग्लो का सच सामने आया। यहां मिली दवाएं देख कर खुद औषधि निरीक्षक भी हैरान हो गए। वजह यहां जो दवाएं मिली है, उनमें कुछ प्रतिबंधित है तो ज्यादातर दवाएं घटिया कंपनी की है। औषधि विभाग ने यहां 400 प्रकार की होमियोंपैथ, अंग्रेजी व आयुर्वेदिक दवाएं जब्त की है। जिनकी कीमत लाखों में है। जब्त दवाओं में प्रोटीन पाउडर के खाली डिब्बे, डेन्टा नामक लिक्विड, एसिढिटी की डायोसिड डीएसआर, सुखा बी सीरप, दर्द निवारक एसेंट, एम - केन 2 प्रतिशत क्रीम, होमियोपैथ दवाओं के बोतलों व आयुर्वेदिक दवाओं की अलग - अलग बोतल तथा डिब्बा के अलावा गैलन व बोतल में भारी मात्रा में लिक्विड शामिल है। वहीं कैप्सुल के खाली खोखा, पर्चा, सील करने के लिए मोमबत्ती व पन्नी भी जब्त किया गया है। इन दवाओं को लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। वहीं इस नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है।
कंपाउडर ने किया खुलासा : छापेमारी के दौरान गिरफ्तार डा. बीके लाल के कंपाउंडर परमानंद ¨सह ने पूछताछ में इसका खुलासा करते हुए बताया कि एक ओर डाक्टर असाध्य रोगों का इलाज करता है, वहीं दूसरी ओर विभिन्न दवाओं का मिश्रण तैयार कर अपने स्तर से अलग दवा निर्माण कर उसकी पै¨कग कर बाजार में बेचता था। उसने स्वीकार किया है कि डाक्टर उसे तमाम सामग्री उपलब्ध कराता था। वहीं वह अपने निर्देशन में दवाओं की री - पै¨कग कराता था।
पहले भी हो चूकी है छापेमारी : पांच साल पूर्व लाइफ ग्लो क्लीनिक शहर के थाना रोड में किराये के मकान में चलता था। तब यहां तत्कालीन डीएम के निर्देश पर कार्यपालक दंडाधिकार पवन कुमार मंडल के नेतृत्व में छापेमारी हुई थी। जहां भारी मात्रा में खाली कैप्सुल, एक्सपायर व प्रतिबंधित दवाएं जब्त की गई थी। इसकों लेकर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज भी हुई थी। शुरूआती दिनों में कई सीएस के साथ डा. लाल की ठनी भी रही। उन्होंने कई आरटीआई भी लगाया था।
अब डा. लाल के दवाओं की होगी खोज : औषधि विभाग द्वारा न केवल चिकत्सक समेत इस धंधे में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है, बल्कि उन दुकानदार व डाक्टरों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है, जो इस दवा को खरीद कर बेचते रहे है। डीआइ दयानंद प्रसाद के अनुसार कंपाउंडर द्वारा किए गए खुलासे के बाद अब गांव से लेकर शहर तक वैसे चिकित्सक व दवा दुकानदारों के यहां छापेमारी की जाएगी जो डा. लाल के दवाओं की खरीद बिक्री करते थे।