राइस मिल ने डकारे डेढ़ करोड़ के चावल
सीतामढ़ी, संस : बिहार राज्य खाद्य निगम से हजारों क्विंटल धान लेने के बावजूद तय समय सीमा तक चावल की आ
सीतामढ़ी, संस : बिहार राज्य खाद्य निगम से हजारों क्विंटल धान लेने के बावजूद तय समय सीमा तक चावल की आपूर्ति नहीं कर डेढ़ करोड़ के चावल का गबन करने के मामले में दो चावल मिल संचालकों के खिलाफ डुमरा थाने में गबन की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। बिहार राज्य खाद्य निगम, पटना के आदेश के आलोक में एसएफसी के जिला प्रबंधक एसएन त्रिपाठी ने रविवार को दो चावल मिल संचालकों के खिलाफ अलग - अलग प्राथमिकी दर्ज कराई है। इनमें परिहार थाना के बबुरवन राइस मिल के संचालक सह पूर्व पैक्स अध्यक्ष कुमारी मुन्नी राय व पुपरी थाना के बेदौल राइस मिल के संचालक सह पूर्व पैक्स अध्यक्ष मो. मुस्तफा खान शामिल है। प्राथमिकी के अनुसार बबूरवन राइस मिल के संचालक सह पूर्व पैक्स अध्यक्ष कुमारी मुन्नी राय ने 22 अप्रैल 2014 को एसएफसी से धान लेकर चावल आपूर्ति कराने का एकरारनामा किया था। इसके आलोक में अंतिम तिथि तक बबुरवन राइस मिल ने 6,340 क्विंटल धान प्राप्त किया था। जिसका चावल 4,247 क्विंटल होता है। उक्त चावल को 31 दिसंबर तक एसएफसी के गोदाम में जमा करना था। लेकिन बबुरवन राइस मिल ने महज 540 क्विंटल चावल ही गोदाम में उपलब्ध कराया। शेष 3707.80 क्विंटल चावल नहीं उपलब्ध कराया। 2478.56 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उक्त चावल का कीमत 91,90,004.97 रुपये होता है। जिसे मील ने गबन कर लिया है। इस बाबत एसएफसी द्वारा बबुरवन राइस मिल को बार - बार निर्देश दिया गया। बावजूद अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2014 तक शेष चावल उपलब्ध नहीं कराया गया। प्राथमिकी में बताया गया है कि उक्त मिल मालिक चावल की राशि का निजी हक में प्रयोग कर डकार लिया है। वहीं अमानत में खयानत करने की नीयत से राशि गबन के लिए एकरारनामा किया था। दूसरी प्राथमिकी में पुपरी के बेदौल राइस मिल के संचालक मो. मुस्तफा खान पर गबन का आरोप लगाया गया है। बताया गया है कि मुस्तफा खान ने 21 अप्रैल 2014 को एसएफसी के साथ एकरारनामा किया था। कुल 5873.65 क्विंटल धान लिया। एवज में बेदौल राइस मिल को 3935.35 क्विंटल चावल देना था। लेकिन चावल लेने के बाद मिल ने एसएफसी को महज 1614 क्विंटल चावल ही उपलब्ध कराए। शेष 2321.35 क्विंटल चावल नहीं उपलब्ध कराया। विभागीय दर 2478.56 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उक्त चावल का कीमत 57,53,605.26 रुपये होता है। जिसे मील ने गबन कर लिया है। इस बाबत एसएफसी द्वारा निर्देश के बावजूद अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक शेष चावल उपलब्ध नहीं कराने पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।