सिविल सर्जन के खिलाफ कार्रवाई तय
डुमरा (सीतामढ़ी), संवाद सूत्र : सीतामढ़ी सिविल सर्जन डा. एके गुप्ता की गर्दन फंस गई है। सरकारी आदेश
डुमरा (सीतामढ़ी), संवाद सूत्र : सीतामढ़ी सिविल सर्जन डा. एके गुप्ता की गर्दन फंस गई है। सरकारी आदेश की अवहेलना के मामले में सीएस डा. गुप्ता पर कार्रवाई तय हो गई है। खुद बिहार के राज्यपाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएस डा. एके गुप्ता के खिलाफ विभागीय कार्यवाई का आदेश दिया है। राज्यपाल ने कार्यवाई के लिए संयुक्त स्वास्थ्य निदेशक पटना डा. मधुरेंद्र किशोर को संचालन पदाधिकारी तैनात किया है। जबकि स्वास्थ्य विभाग पटना के प्रशाखा - 9 के पदाधिकारी को उपस्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। राज्यपाल के आदेश से सरकार के संयुक्त सचिव ने ज्ञापांक 1070 (9) के तहत 26 नवंबर को यह पत्र जारी किया है। सरकार के संयुक्त सचिव ने संयुक्त स्वास्थ्य निदेशक पटना को मामले की जांच कर तीन माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। पत्र की प्रतिलिपी सीतामढ़ी सीएस को भी भेजी गई है। बताते चले कि डा. गुप्ता सीतामढ़ी में सीएस के पद पर योगदान पूर्व शेखपुरा जिले में सीएस के पद पर तैनात थे। इस दौरान 9 अगस्त 2013 को सदर अस्पताल के चतुर्थ वर्गीय कर्मी विक्कु राम की मौत हो गई। उक्त कर्मी के मौत के बाद सेवांत लाभ समेत अन्य देनदारियों के भुगतान में सीएस ने साढ़े पांच माह का समय लगाया। वहीं विक्कु राम की मौत के बाद उसके पुत्र लालू राम द्वारा अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन दिया गया। लालू राम लंबे समय तक सीएस के समक्ष गुहार लगाता रहा। लेकिन उसे अनुकंपा का लाभ नहीं मिला। आखिरकार लालू राम ने 20 जनवरी 2014 को आत्म हत्या कर ली। इसके आलोक में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ पटना के अध्यक्ष आनंदी सिंह ने आवाज उठाई थी। मामला राज्यपाल के पास पहुंचा। इसके बाद राज्यपाल के आदेश पर सरकार के संयुक्त सचिव ने सीएस डा. एके गुप्ता के विरुद्ध बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियमावली - 2005 के नियम 17 के तहत विभागीय कार्यवाई का आदेश दिया है।