कृषि मेला : आवेदन रद होने पर हंगामा
जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी : डुमरा स्थित हवाई अड्डा मैदान में सोमवार को दो दिवसीय कृषि सह यांत्रिकीकर
जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी : डुमरा स्थित हवाई अड्डा मैदान में सोमवार को दो दिवसीय कृषि सह यांत्रिकीकरण मेला का आयोजन किया गया। इस दौरान आवेदन पत्र रद किए जाने पर किसानों ने हंगामा किया। जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने आवेदन रद करने के कारणों की जानकारी देकर किसानों का गुस्सा शांत कराया। अधिकांश आवेदन पत्र के साथ संलग्न एलपीसी में आवेदक के हिस्से की जमीन को स्पष्ट नहीं किया गया है। जमीन के आधार पर ही कृषि यंत्र पर अनुदान दिया जाना है।
क्या है मामला : 10 हजार से अधिक राशि के कृषि यंत्र के लिए उपलब्ध जमीन के आधार पर किसानों को परमिट दिया जाता है। जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने बताया कि सीओ द्वारा निर्गत एलपीसी में स्पष्ट नहीं है कि आवेदक के हिस्से की कितनी जमीन है। बाचोपट्टी नरहा निवासी सुरेन्द्र चौधरी ने ट्रैक्टर खरीद के लिए आवेदन दिया था। सीओ द्वारा उनके एलपीसी पर स्पष्ट लिखा था कि जमीन सुरेन्द्र चौधरी के पिता चंद्रदेव चौधरी का है। एलपीसी पर स्पष्ट नहीं था कि चंद्रदेव चौधरी के कितने पुत्र हैं अथवा सुरेन्द्र चौधरी के हिस्से की कितनी जमीन है। लिहाजा आवेदन रद कर दिया गया। इसी प्रकार अवधेश ठाकुर ने ट्रैक्टर के लिए आवेदन दिया था। उनके एलपीसी पर भी वंशावली स्पष्ट नहीं था। रंजीत कुमार के एलपीसी पर सीओ ने लिखा था कि उक्त जमीन उनके पिता श्रीनारायण राय के नाम है। वंशावली या उनके हिस्से की जमीन स्पष्ट नहीं था। दर्जनों आवेदन के एलपीसी पर हिस्से की जमीन का उल्लेख नहीं है।
डीएम से करेंगे शिकायत : डीएओ
जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि एलपीसी पर अंचलाधिकारी द्वारा जमीन की हिस्सेदारी का स्पष्ट उल्लेख नहीं करने से किसान कृषि यंत्र खरीद से वंचित हो गए। इससे किसानों में आक्रोश है। एलपीसी को ले डीएम से शिकायत की जाएगी।
1300 में 431 आवेदन स्वीकृत
कृषि यंत्र के लिए 1300 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन दिया था। जांच के दौरान एलपीसी व अन्य कागजात उपलब्ध नहीं रहने से 431 आवेदन ही मंजूर हो सका।
प्रथम दिन 85 कृषि यंत्र बिके
मेले के प्रथम दिन किसानों ने 85 कृषि यंत्र खरीदे। जिसमें ट्रैक्टर, नेपसेट, गटोर, सिंचाई पाइप, चारा कूटी मशीन आदि शामिल है।
23 विक्रेता को मिली अनुमति
कृषि मेला में स्टॉल लगाने के लिए 47 कृषि यंत्र विक्रेताओं में 23 को अनुमति दी गई। डीएओ ने बताया कि वैसे कृषि यंत्र विक्रेताओं को ही मेला में स्टॉल लगाने की स्वीकृति देनी थी, जिसका पंजीयन ऑनलाइन व सेल टैक्स विभाग से नो ड्यूज मिला हो। विभाग द्वारा विक्रेताओं को 31 अक्टूबर तक पंजीयन कराने की छूट दी गई। बावजूद गुणवत्तापूर्ण पंजीयन नहीं कराया जा सका है।
चक्कर में फंसे किसान
किसानों को परेशानी झेलनी पड़ी, जो कृषि यंत्र विक्रेताओं से साठगांठ कर पूर्व में यंत्र खरीद चुके थे। एक किसान ने शिकायत की कि कृषि यंत्र विक्रेता ने पूर्व में ही यह कहकर यंत्र क्रय करवा दिया था कि मेले में परमिट दिला दिया जाएगा। मेला में बगैर आवेदन स्वीकृति परमिट नहीं मिला है।
पहली बार गेट पास की व्यवस्था
पहली बार मेला में कृषि यंत्र की खरीद के बाद गेट पास की व्यवस्था की गई थी। गेट पास पर्ची पर क्रेता, विक्रेता व संबंधित कर्मी का हस्ताक्षर होने के बाद ही कृषि यंत्र क्रय करने वाले किसान को बाहर जाने की अनुमति दी जा रही थी।
किसानों को दी गई जानकारी
कृषि वैज्ञानिक सच्चिदानंद द्वारा किसानों को रबी फसल के दौरान बरती जाने वाली सावधानी व बेहतर पैदावार के बारे में जानकारी दी गई।