नदियों को पुर्नजीवित करें अन्यथा आंदोलन : शेखर
13 एसएमटी 1
- बार-बार आंदोलन के बावजूद नहीं जग रहा प्रशासन
सीतामढ़ी, संवाद सूत्र : लक्ष्मणा नदी में जल प्रवाह चालू कराने और अधवारा तटबंध निर्माण पर रोक लगाने को लेकर एक दशक से अधिक समय से धरना, प्रदर्शन, अनशन व सत्याग्रह करने वाले संघर्ष यात्रा के संयोजक शशि शेखर ने फिर हुंकार भरी है। शहर के लक्ष्मणा घाट पर मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में श्री शेखर ने शासन-प्रशासन की बेपरवाही पर रोष जताया। कहा कि लक्ष्मणा जिले की धार्मिक व अध्यात्मिक नदी है। आज नदी वजूद की लड़ाई लड़ रही है। बार - बार आंदोलन के दौरान आश्वासन तो मिल रहा है लेकिन इस दिशा में प्रशासनिक पहल नहीं की जा रही है। शीघ्र ही नदी में जल प्रवाह सुनिश्चित नहीं किया गया तो फिर से सत्याग्रह के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने आंदोलन व परिणामों के बारे में बताया कि 2006 में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री स्व. रामाश्रय प्रसाद सिंह ने लक्ष्मणा नदी की पुरानी धार में नई धारा को मुंहचट्टी गांव में जोड़ने का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया था। डीपीआर तैयार हुआ लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके बाद दो बार राज्य सरकार द्वारा कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने नेपाल से जहां नदी की धारा बदली है, वहीं से नई धारा को बंद कर पुरानी धारा की खुदाई की बात कही थी। बावजूद कार्रवाई नहीं हो सकी। श्री शेखर ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वह आंदोलन करते रहेंगे।