सामूहिक अवकाश पर जाएंगे डीआरडीए कर्मी
-फरवरी 2013 में प्रधान सचिव के साथ हुई थी वार्ता
-प्रधान सचिव के निर्देश पर तीन सदस्यीय कमेटी का हुआ था गठन
-20 जून को कमेटी ने की थी वेतन विस्तार की अनुशंसा
जासं, सीतामढ़ी : तत्कालीन प्रधान सचिव ग्रामीण विकास के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय कमेटी के अनुशंसा संबंधी पत्र विभाग द्वारा निर्गत नहीं किए जाने से आक्रोशित डीआरडीए कर्मियों ने पहली अगस्त से अनिश्चितकालीन अवकाश पर जाने की चेतावनी दी है। कहा है कि 20 जून 2013 को तत्कालीन प्रधान सचिव ग्रामीण विकास के साथ राज्य डीआरडीए कर्मी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता हुई थी। वार्ता के आलोक में प्रधान सचिव के आश्वासन पर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण में कार्यरत अनुबंध के आधार पर पदस्थापित कर्मियों के सुविधाओं पर विचार के लिए अपर सचिव मिथिलेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें विशेष कार्य पदाधिकारी कनक बाला व मनोज कुमार को सदस्य बनाया गया। कमेटी द्वारा 20 जून 2014 को वेतन विस्तार का अनुशंसा की गई। लेकिन कमेटी के अनुशंसा को लागू करने में विभाग द्वारा आना-कानी किया जा रहा है। जिसके कारण कर्मियों में रोष है। कहा कि अगर 31 जुलाई तक विभाग द्वारा कमेटी के अनुशंसा को स्वीकार कर पत्र निर्गत नही करता है, तो 1 अगस्त से डीआरडीए के सभी अनुबंध पदाधिकारी व कर्मी अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले जायेंगे।
क्या था कमेटी के अनुशंसा पत्र में
प्रधान सचिव के निर्देश के आलोक में गठित तीन सदस्यीय कमेटी की बैठक गत 20 जुलाई को हुई थी। जिसमें बताया गया कि इन कर्मियों का मानदेय 2007 में निर्धारित किया गया था। वर्ष 2013 में कुछ बढ़ोतरी की गई थी। वर्ष 2007 से अब तक महंगाई में वृद्धि हुई है। ऐसी स्थिति में समिति ने जनवरी 2008 को आधार मानकार जनवरी 2014 तक महंगाई वृद्धि 88 प्रतिशत वर्ष 2007 में जोड़कर संशोधन को उपयुक्त पाया। और 1 जुलाई 2014 के प्रभाव से लागू करने की अनुशंसा समिति द्वारा की गई। प्रस्तावित वृद्धि के अनुसार लिपिक सह टंकक, सहायक, लेखापाल, लेखा लिपिक व आशुलिपिक का मानदेय 8000 से बढ़ाकर 15 हजार की गई। इसी प्रकार तकनीकि सहायक व सांख्यिकी अन्वेषक का मानदेय 10 हजार से 19 हजार, कार्यालय अधीक्षक का मानदेय 11 हजार से 20 हजार 500, परियोजना अर्थशास्त्री, सहायक परियोजना पदाधिकारी व लेखा पदाधिकारी का मानदेय 12 हजार से बढ़ाकर 22 हजार 560, वरीय लेखा पदाधिकारी का मानदेय 13 हजार से बढ़ाकर 24 हजार 500, सहायक अभियंता का मानदेय 12 हजार से 22 हजार 500 तथा कार्यपालक अभियंता का मानदेय 20 हजार से बढ़ाकर 37 हजार 500 करने की अनुशंसा की गई थी। इसके अलावा महिला कर्मियों को प्रत्येक माह 2 दिन का विशेष अवकाश के साथ 90 दिनों का मातृत्व अवकाश व 200 रुपये सभी कर्मियों को चिकित्सा भत्ता प्रदान करने की अनुशंसा की गई थी।