Move to Jagran APP

मुक्ति को अपनाएं प्राकृतिक जीवन शली : संत

By Edited By: Published: Sun, 27 Jul 2014 07:00 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jul 2014 07:00 PM (IST)
मुक्ति को अपनाएं प्राकृतिक जीवन शली : संत

-तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन

loksabha election banner

सीतामढ़ी, संस : बरियारपुर स्थित आवासीय गुरुकुल हाई स्कूल परिसर में आनंद मार्ग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार में आचार्य परमेश्वरानंद अवधूत व आचार्य करुणानंद अवधूत ने साधना के गुढ़ रहस्यों की जानकारी दी। व्यस्तम जीवन में भावनात्मक स्वरूप प्रदान करते हुए प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाएं। कहा कि पृथ्वी पर सर्वप्रथम भगवान शिव ने मानव जीवन को छंदात्मक स्वरूप प्रदान किया था। उसके बाद भगवान श्री कृष्ण का आगमन हुआ और वे 'ब्रज के कृष्ण' रूप में भक्ति की गंगा बहाए। उसके बाद श्री कृष्ण ने महाभारत की रचना कर मानव समाज में धर्म की स्थापना की। पांडवों के माध्यम से महाभारत के दौरान गीता का ज्ञान प्रदान किया और भक्तों को आध्यात्मिक अनुभूति दिलाई। मौके पर आचार्य मोहन सुंदरानंद अवधूत, आचार्य भक्ति मयानंद अवधूत, आचार्य कृष्णोधानंद अवधूत, आचार्य गिरजानंद अवधूत, महेन्द्र सिंह यादव, मनोज कुमार, रविन्द्र कुमार, शैलेन्द्र कुमार, विद्यानंद व राम एकबाल आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.