छोटा गांव, बड़ा संदेश
फोटो : 24 एसएमटी
पुनौरा पश्चिमी : बिजली के अभाव में अंधेरे में डूबा गांव
- विकास के मायने से अंजान हैं लोग
- सड़क व बिजली की व्यवस्था नहीं
- नलकूप का अभाव, सिंचाई की व्यवस्था न रहने से खेती प्रभावित
- अस्पताल की व्यवस्था नहीं इलाज बिना कई पर्यटक व ग्रामीण मरे
पुनौरा पश्चिमी पंचायत : एक नजर
आबादी : 8 हजार
मतदाता : 3,800
महिला मतदाता : 1,800
पुरुष मतदाता : 2,000
साक्षरता दर : 65 फीसद
पुरुष साक्षरता दर : 60 फीसद
महिला साक्षरता दर : 40 फीसद
प्रमुख गांव : पुनौरा, जानकी नगर, यादव नगर व मुरियारी टोल।
अमित सौरभ, सीतामढ़ी
सीतामढ़ी शहर से सटे है पुनौरा पश्चिमी पंचायत। मां जानकी की जन्मस्थली पुनौरा धाम से सटे इस इलाके में विकास की तस्वीर नहीं दिखती है। गांव में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सिंचाई व सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि, अब लोग विकास के मायने समझने लगे हैं। गांव की तस्वीर में बदलाव लाने के लिए कमर भी कस चूके हैं। गांव छोटा है, लेकिन समाजिक बदलाव का अलख जगा रहा है। यहां के लोग निर्दल में आस्था दिखा रहे है। वजह गांव का आदमी निर्दल प्रत्याशी है। लोगों की मानसिकता में आए बदलाव की तस्वीर गुरुवार को दैनिक जागरण के तत्वावधान में पुनौरा पश्चिमी गांव में आयोजित गांव-चौपाल कार्यक्रम में दिखी। चुनावी मौसम में हर जगह हक की आवाज उठ रही है। लिहाजा चौपाल में भी विकास पर चर्चा हुई।
मुखिया शंभू कुमार के आवास पर आयोजित चौपाल में लोगों ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक गांव विकास के लिए लालायित है। सड़क, बिजली, पानी, सिंचाई व नाले की समस्या बरकरार है। पंचायत में पुनौरा, जानकी नगर, यादव नगर व मुरियारी टोल मुख्य गांव है। इन गांवों में सड़क की दरकार है। गांव की गलियों में अब भी कच्ची पगडंडियां हैं। नाले के अभाव में पानी सड़क पर बहता है। पंचायत में शिक्षा की व्यवस्था नहीं है। कहने को चार प्राथमिक विद्यालय है लेकिन शिक्षक व संसाधनों का अभाव शिक्षा की राह में बाधक है। नैरो टोल व यादव टोल में सोलिंग सड़क है। इनको पक्की सड़क की दरकार है। जानकी नगर में नाला नहीं है। इलाके के ज्यादातर लोग कृषि व मजदूरी पर निर्भर हैं। लेकिन एक भी नलकूप नहीं है। सिंचाई के अभाव में कृषि प्रभावित हो रहा है। इलाके में अल्पसंख्यक आबादी 35 फीसद है, जो विकास से अंजान हैं। गांव में अनुसूचित जाति के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण तो हुआ, लेकिन आधा-अधूरा। निर्माणकर्ता शिक्षक डेढ़ साल से फरार है। बिजली नहीं है। जानकी नगर, यादव टोल, व मोरियारी टोल में छह माह से अंधेरा पसरा है। छह माह पूर्व इस गांव से ट्रांसफार्मर की चोरी हो गई। इसके बाद से अब तक ट्रांसफार्मर नहीं लगा है। एमपी की अनुसंशा के बाद भी लोगों की परेशानी बरकरार है। उधर, नोनिया टोल में चार साल से केवल पोल व तार लगे है। इलाके की एक और बड़ी परेशानी स्वास्थ्य सेवा का अभाव है। गांव के आस-पास अस्पताल नहीं है। इलाज के लिए सदर अस्पताल जाने की मजबूरी है। हाल ही में इलाज के अभाव में राजस्थान के एक पर्यटक समेत तीन की मौत हो गई। आस - पास के लोग भी इलाज के अभाव में मरते रहे है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। बहरहाल, आजादी के बाद से लोग विकास के लिए पलके बिछाए है। लेकिन शासन, प्रशासन व जन प्रतिनिधियों की बेपरवाही उनके सपनों को हकीकत में नहीं बदलने देती।
कहते है मुखियाजी : मुखिया शंभु कुमार बताते है कि गांव-समाज के विकास के लिए प्रयास जारी है। सड़क, बिजली व सिंचाई की समस्या दूर कराने की पहल जारी है। बताते है कि गांव का विकास कराने वाले प्रत्याशी को सांसद बनाने की जरूरत है।
गांव के प्रत्याशी को करेंगे मतदान
चौपाल में मौजूद रामचंद्र साह, राम भजन महतो, रूपलाल साह, वीरेश कुमार महतो, राम बाबू महतो, चुन्नू कापड़, चंदन राय, हरि किशोर राय, राम कुमार साह, सुरेंद्र महतो, कौशल किशोर दास, जीतेंद्र हाथी, रौशन भंडारी, लक्ष्मण महतो, सुनील कुमार व श्रवण साह आदि ने कहा कि इस बार विकास के आधार पर मतदान करेंगे। ऐसे सांसद को चुनेंगे जो विकास को रफ्तार देगा। गरीब जनता तक उसका वाजिब हक पहुंचाएगा। हर बार दलीय प्रत्याशी को मत दिया। इस बार गांव के निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करेंगे।
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