Move to Jagran APP

उर्वरक व कीटनाशक के अंधाधुंध प्रयोग से बंजर हो रही जिले की जमीन

फसलों की उपज बढ़ाने के लिए खेतों में अंधाधुंध डाले जा रहे है उर्वरक तथा कीटनाशक ।

By Edited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 02:49 AM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2016 02:49 AM (IST)
उर्वरक व कीटनाशक के अंधाधुंध प्रयोग से बंजर हो रही जिले की जमीन

शेखपुरा । फसलों की उपज बढ़ाने के लिए खेतों में अंधाधुंध डाले जा रहे उर्वरक तथा कीटनाशक दवाईयों की वजह से जिले की जमीन बंजर होती जा रही है। किसान अपनी पैदावार बढ़ाने के नाम पर तो जमकर उर्वरक तथा कीटनाशक का उपयोग कर रहे हैं, मगर इसके साइड इफेक्ट से अधिकांश लोग अनजान हैं। खेतों में उर्वरक तथा कीटनाशक के इस अंधाधुंध उपयोग से मिट्टी पर बुरा असर होने के साथ मानव स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। इस बाबत जिला के कृषि पदाधिकारी लाल बच्चन राम ने बताया कि जरूरत से अधिक उर्वरकों तथा कीटनाशक के उपयोग से कई स्तरों पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इससे खेतों के बांझ होने का खतरा है साथ ही लोगों में कई असाध्य बीमारी का भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। कृषि पदाधिकारी ने बताया कि लोगों को इसी संकट से निजात दिलाने के लिए जिला में खेतों की मिट्टी की जांच का काम शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत जिला में खेतों की मिट्टी की जांच करके उसकी रिपोर्ट तथा सलाह किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है।

loksabha election banner

मनुष्य के मेडिकल जांच की तरह मिट्टी की भी जांच करके किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें मिट्टी में किस रासायनिक तत्व की कमी है और किसकी अधिकता है इसकी समूची जानकारी के साथ ऐसी मिट्टी को किस तत्व की जरूरत है इसकी भी सलाह मुफ्त में दी जा रही है।

मिट्टी में ¨जक की कमी

जिले की मिट्टी में ¨जक की भारी कमी देखी जा रही है। यह तस्वीर जिला की मिट्टी जांच के परिणाम से सामने आए हैं। इसकी जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि तय तकनीकी मानक के तहत हर दस हेक्टेयर पर मिट्टी के एक नमूने की जांच की जानी है। इसके तहत जिला में अब तक पांच हजार मिट्टी के नमूने की जांच की जा चुकी है। बताया गया कि इन जांच रिपोर्टों में अधिकांश ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें मिट्टी में ¨जक की कमी पाई गई है। उन्होंने बताया कि ¨जक की लगातार हो रही कमी की वजह से खेतों की मिट्टी उसर यानी की रेहड हो रही है। इससे पैदावार का स्तर भी घट रहा है। मिट्टी के ¨जक के कम होने के अधिकांश मामले अरियरी तथा चेवाड़ा ब्लाक में पाए गए हैं।

मानव स्वास्थ्य पर भी असर होने का खतरा

खेतों में उर्वरक तथा कीटनाशक दवाईयों के अंधाधुंध प्रयोग का साइड इफेक्ट खेतों के साथ-साथ मानव के स्वास्थ्य पर भी पड़ने का खतरा उत्पन्न हो रहा है। इस बाबत जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि पंजाब के होशियारपुर तथा फिरोजपुर जिलों में बड़ी संख्या में लोग कैंसर रोग से पीड़ित हो रहे हैं। इसकी जांच कराई गई तो भौंचक करने वाला यह तथ्य सामने आया कि इस इलाके के लोग उपज बढ़ाने के लिए जमकर उर्वरक तथा कीटनाशक दवाईयों का उपयोग करते थे। इसी का असर धीरे-धीरे मानव स्वास्थ्य पर पड़ने लगा। इसी की वजह से लोग कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी के शिकार होने लगे। उन्होंने बताया कि अंधाधुंध तरीके से उर्वरक तथा कीटनाशक के उपयोग से इस तरह का खतरा शेखपुरा जिला पर भी पड़ सकता है। इसके लिए किसानों को जैविक खाद का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.