..और ओपीडी सेवा के नाम क्या धोखा
शिवहर। जनाकांक्षाओं के प्रतीक सरोजा सीताराम राजकीय सदर अस्पताल, शिवहर को क्रियाशील कर
शिवहर। जनाकांक्षाओं के प्रतीक सरोजा सीताराम राजकीय सदर अस्पताल, शिवहर को क्रियाशील करने को ले कर पटना उच्च न्यायालय में दायर अवमानना वाद की सुनवाई आज शुक्रवार को न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी और न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद के खंडपीठ में हुई। आवेदक सह भूमिदाता के अधिवक्ता सुनील कुमार वर्मा और सुमन कुमार वर्मा ने गत 31 मई को सरकार द्वारा ओपीडी चालू किये जाने को लोगों के साथ धोखा बताया तथा कहा कि जांच के लिए एक्स - रे, अल्ट्रा साउंड और पैथोलॉजी आदि जरूरी चीजों की कोई व्यवस्था नहीं है और लोग कड़ी धूप में परेशान हो रहे हैं। उन्होंने न्यायालय को बताया कि अस्पताल के संचालन में कतिपय अधिकारियों द्वारा अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। उन्होंने अस्पताल की पर्ची पर डोनर का नाम नहीं होने की ओर भी न्यायालय का ध्यान दिलाया। इस पर न्यायालय ने ¨चता और रोष व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पुन: सदेह उपस्थित होने के लिए निमंत्रण - पत्र भेजने की बात कही। लेकिन सरकारी अधिवक्ता द्वारा समय मांगे जाने पर न्यायालय ने दो सप्ताह के अंदर प्रति शपथ-पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने सरकारी अधिवक्ता को सावधान करते हुए कहा कि वह सब कुछ समझ रहा है और जरूरत पड़ने पर जिला जज से रिपोर्ट मंगा सकता है।