पोषण पुनर्वास केंद्र से अनजान हैं जिलेवासी
संतुलित आहार की कमी एवं समुचित देखभाल नहीं होने से ब'चे कुपोषण के शिकार हो असमय हीं काल कवलित हो जाते हैं। सरकार इसके लिए गंभीर है। योजनाएं भी संचालित हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में इसका समुचित लाभ जिलेवासियों को नहीं मिल रहा।
शिवहर। संतुलित आहार की कमी एवं समुचित देखभाल नहीं होने से बच्चे कुपोषण के शिकार हो असमय हीं काल कवलित हो जाते हैं। सरकार इसके लिए गंभीर है। योजनाएं भी संचालित हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में इसका समुचित लाभ जिलेवासियों को नहीं मिल रहा। जबकि इसके लिए सदर अस्पताल में हीं पोषण पुनर्वास केंद्र संचालित है।
आवासीय सुविधा के साथ दी जाती है नि:शुल्क चिकित्सा
केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नवलकिशोर सिंह ने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित इस केंद्र पर 6 माह से 5 साल के कुपोषित बच्चों के ईलाज की नि:शुल्क व्यवस्था है। जिसमें कुपोषण के शिकार बच्चों का दक्ष एएनएम के द्वारा मानक के अनुरूप संतुलित आहार के साथ चिकित्सक के निर्देश पर दवाएं दी जाती हैं। वहीं 21 दिन पर स्वस्थ होने के बाद उन्हें मुक्त किया जाता है। वर्तमान में 17 बच्चे इलाजरत दिखे जबकि 20 बेड लगाए गये हैं।
बच्चे के साथ एक महिला परिजन के रखने का है प्रावधान
बच्चे के साथ उसकी मां या किसी एक महिला परिजन को रहने की स्वीकृति है। उसके रहने एवं खाने सहित अन्य उपयोगी वस्तुओं की आपूर्ति भी केंद्र करती है। वहीं 50 रुपये प्रतिदिन की दर से सहायता राशि भी देय है। वहीं असाक्षर महिला को साक्षर बनाने का भी प्रयास होता है। एएनएम निवेदिता कुमारी ने बताया कि यहां पारिवारिक माहौल देने की कोशिश होती है। वहीं सुरक्षा के भी प्रबंध है। पोषण केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एनके सिंह ने बताया कि जिला को कुपोषण से मुक्त करने के लिए जिलेवासियों को इस सुविधा का लाभ लेना चाहिए।