अर्द्ध निर्मित मनरेगा भवन बना पशुओं का बसेरा
शिवहर। पिपराही प्रखंड में चल रहे विकास कार्य की शिथिलता का उदाहरण बीआरसी केंद्र के पास अर्द्ध निर्म
शिवहर। पिपराही प्रखंड में चल रहे विकास कार्य की शिथिलता का उदाहरण बीआरसी केंद्र के पास अर्द्ध निर्मित मनरेगा भवन हो सकता है। जिसका निर्माण तीन वर्षों में भी पूरा नहीं हो सका है। बावजूद इसके इस अर्द्ध निर्मित भवन के पूर्ण निर्माण को लेकर किसी अधिकारियों की नजर तक इस पर नहीं पड़ी। नतीजतन यह भवन अब पशुओं का बसेरा बन हुआ है। जहां आस पास के लोग अपने पशु को बांधने के काम में आता है। बता दें कि मनरेगा विभाग को अपना कार्यालय के लिए यह भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2013 में शुरू हुआ था। जिसका निर्माण कार्य मार्च 2014 में पूरा कर देना था। बावजूद आज तक दरवाजा को कौन कहे दीवार पर प्लास्टर तक नहीं हुए हैं। - 03 लाख 57 हजार रुपये की राशि थी स्वीकृत उक्त भवन के निर्माण के लिए तीन लाख 57 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। जिसका निर्माण कार्य प्रखंड कार्यालय के माध्यम से किया जा रहा था। तत्कालीन बीडीओ के समय में भवन का निर्माण काफी तेजी से हुआ। लेकिन, उसके बाद न जानें किसकी नजर इस भवन पर लग गई। जिसके बाद से निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा हुआ है। मनरेगा विभाग के जेई से इस संबंध में बात की गई तो मामले में वे कुछ खास स्पष्ट नहीं कर सके। जिससे यह पता चलता है कि अभी भवन निर्माण पूरा होने में और समय लग सकता है। -------------- वर्जन : --------------- मनरेगा के पीओ से समन्वय स्थापित कर शीघ्र ही भवन निर्माण के दिशा में कार्रवाई की जाएगी। अजय कुमार बीडीओ, पिपराही, शिवहर।