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दुर्गा पूजा आयोजन को लाइसेंस अनिवार्य

शिवहर। दुर्गा पूजा और मोहर्रम को लेकर शांति समिति की बैठक अनुमंडल पदाधिकारी लाल बाबू सिंह की अध्यक्ष

By Edited By: Published: Wed, 07 Oct 2015 12:28 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2015 12:28 AM (IST)
दुर्गा पूजा आयोजन को लाइसेंस अनिवार्य

शिवहर। दुर्गा पूजा और मोहर्रम को लेकर शांति समिति की बैठक अनुमंडल पदाधिकारी लाल बाबू सिंह की अध्यक्षता में शिवहर थाना परिसर मे हुई। इसमें बड़ी संख्या मे गणमान्य और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक मे इस बात पर विशेष बल दिया गया कि एक-दूसरे की खुशी में खुशियां बांटे, नवरात्र हो या मोहर्रम, आपसी सौहार्द के साथ मनाएं। एसडीओ ने कहा कि पूजा समितियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। चाहे छोटी मूर्ति हो या बड़ी मूर्तियां। दस सदस्यीय कमेटी का गठन कर सूचना देनी होगी।

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मौके पर बीडीओ चन्द्र भूषण कुमार, सीओ योगेश दास, थानाध्यक्ष गणेश राम, अपर थानाध्यक्ष देवानंद कुमार, नगर पंचायत अध्यक्ष नीलम सिन्हा, वार्ड सदस्य गिरीश नंदन सिंह, प्रशांत अंशुमान, नंदन सिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

ध्वनि प्रदूषण का रखें ख्याल

ध्वनि प्रदूषण के बारे में निर्देशित करते हुए कहा गया कि ध्वनि विस्तारक यंत्र रात्रि दस बजे से सुबह 6 बजे तक बजाने की अनुमति नहीं होगी।

चुनाव से पूजा का कोई सरोकार नहीं

बैठक मे यह भी कहा गया कि इस बात का ख्याल रहे कि वहां राजनीतिक चर्चा न हो। अर्थात किसी प्रकार के बैनर-पोस्टर या नेता के आने पर जयकारा आदि लगाने की मनाही होगी। कोई भी प्रत्याशी पूजा स्थल पर एक समान श्रद्धालु की तरह आए और किसी प्रकार की उद्घोषणा नही होना चाहिए।

बडे़ वाहनों का प्रवेश होगा वर्जित

नवरात्र में अष्टमी, नवमी व दशमी पर शहर में बडे़ वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। चार पहिया वाहनों के प्रवेश तथा ट्रैफिक व्यवस्था के लिए पुलिस के साथ पूजा समिति के स्वयंसेवक भी सहयोग करेंगे।

सीसीटीवी लगाने का निर्देश

पूजा समितियों को अगाह किया गया कि पूजा स्थल पर सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना अच्छा होगा। मौके पर डीएसपी प्रितीस कुमार ने कहा कि प्रशासन सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से गंभीर है। सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ चाकचौबंद व्यवस्था रहेगी।

निर्धारित रूट चार्ट के अनुसार होगा मूर्ति का विसर्जन

समितियों को कहा गया कि निर्धारित रूट के अनुसार ही मूर्ति का विसर्जन करना होगा। 22 अक्टूबर को मूर्ति का विसर्जन हर हाल कर दिया जाना है। ग्रामीण क्षेत्रों मे किसी कारणवश मूर्ति विसर्जन 22 अक्टूबर को नहीं हो पाया तो 23 की सुबह हर हाल में मूर्ति विसर्जित कर देना होगा।


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