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रुनकी-झुनकी बेटी मांगिला पढ़ल पंडितवा

पिपराही, संस : महापर्व छठ के कर्णप्रिय गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। सोमवार को नहाय खाय क

By Edited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 01:02 AM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 01:02 AM (IST)
रुनकी-झुनकी बेटी  मांगिला पढ़ल पंडितवा

पिपराही, संस : महापर्व छठ के कर्णप्रिय गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। सोमवार को नहाय खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व की व्रतियों ने शुरुआत की। घाटों पर आनेजाने वाले रास्तों की सफाई करा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। छठ सामग्री से बाजार पट गया है। आस्था का महापर्व छठ को लेकर व्रतियों में काफी उत्साह है। गांव से लेकर शहर तक बड़े-बड़े साउंड सिस्टम पर छठ गीत सुनाई दे रहे हैं। पूर्व के गीतों का ही इस बार बोलबाला है। रुनकी झुनकी बेटी मांगीला पठल पंडितवा दामाद है, छठी मइया, केलवा के पात पर उगलन सुरुज मल आदि-आदि प्रचलित गीत से पूरा वातावरण भक्ति रस में घुल गया है। सूर्योपासना का यह पर्व सामाजिक रूप से हर तबकों को आपस में करीब लाता है। पर्व की महत्ता का क्या कहना है। छठ घाटों पर बनी छठ माता की टीला पूजा के लिए बने तो जरूर होते हैं, लेकिन समाज के हर तबके को एक साथ खींच लाता है। छठ व्रती पूरी तरह से अपने आप को एक सामान्य मानते हैं।


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