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तेज हवाओं के साथ जेपी के गाव पर बरसने लगी आफत

सारण। सिताबदियारा में बाढ़ ने रविवार को वर्ष 2003 के भयंकर बाढ़ का भी रिकार्ड तोड़ दिया है।

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 03:06 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 03:06 AM (IST)
तेज हवाओं के साथ जेपी के गाव पर बरसने लगी आफत

सारण। सिताबदियारा में बाढ़ ने रविवार को वर्ष 2003 के भयंकर बाढ़ का भी रिकार्ड तोड़ दिया है। यहा बीएसटी बाध के बाहर ग्राम पंचायत सिताबदियारा के आलेख टोला, गरीबा टोला, रावल टोला, चैन छपरा, शोभा छपरा, लाला टोला, रामेश्वर टोला व प्रभुनाथनगर पंचायत के उतरवारी चक्की, दक्षिणवारी चक्की, बड़का बैजू टोला आदि की लगभग 30 हजार की आबादी बाढ़ से पूरी तरह घिर गयी है। भारी तादाद में लोग अब गाव छोड़ अन्यत्र पलायन करने लगे हैं। बीएसटी बाध पर भी भारी संख्या में लोग अपनी पशुओं के साथ शरण लिए हुए हैं। तेज हवाओं के साथ लाला टोला में ददन यादव, गंगा सागर यादव, बदरी यादव, राजेश पासवान सहित लगभग एक दर्जन लोगों के मकान अलग-अलग गावों में धराशायी होने की खबर है। सभी गाव टोलों का संपर्क एक-दूसरे से टूट चुका है। यहा बीएसटी बाध पर लगे रेगुलेटर पर मीटर गेज पर 58.00 तक पानी पहुंच चुका है। यहा तैनात आपरेटर श्री सिंह ने बताया कि वर्ष 2003 में यहा बाढ़ का पानी 57.00 तक ही था, जबकि इस बार 58.00 हो गया है । उधर बीएसटी बाध पर बाहर से बढ़ रहे पानी के दबाव से बाध के अंदर के भी लगभग पाच पंचायत के निवासी सांसत में जी रहे हैं। उन्हें डर है कि यदि पानी का दबाव इसी तरह और बढ़ता गया तो, बाध अंदर की लाखों की अबादी भी खतरे में पड़ सकती है।

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यूपी-बिहार को जोड़ने वाले एनएच पर यातायात बंद

यूपी-बिहार को जोड़ने वाले एनएच-19 अब-31 भी बाढ़ के कारण बुरी तरह प्रभावित हो गया है । छपरा से बैरिया के बीच एनएच-31 पर कई जगहों पर बाढ़ का पानी तेज गति से बह रहा है। इसके कारण प्रशासन ने चारपहिया वाहनों पर पूरी तरह रोक लगा दी है। बैरिया तहसील के चाददियर में बाढ़ का पानी सड़क पार करने को आतुर है। वहा बोरी में मिट्टी डालकर बाहर से ऊंचा किया गया है। इसके अलावा इसी रूट पर बिहार सीमा के सेंगर टोला, इनई, ब्रह्मपुर में भी एनएच पर लगभग चार फीट पानी है। इस वजह से बिहार प्रशासन भी उधर से सभी वाहनों का परिचालन बंद कर दिया है।

राहत के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं

सिताबदियारा और प्रभुनाथनगर में इतनी भयंकर तबाही के बाद भी राहत के नाम पर अभी तक कुछ भी नहीं बंटा है। गाव के लोगों ने बताया कि गाव के हिसाब से चूड़ा और गुड़ के लिए लिस्ट तैयार किया जा रहा है, किंतु उससे किसी का भला नहीं होने वाला।


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