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अधिकांश अस्पतालों में आयुष चिकित्सकों के भरोसे हो रहा इलाज

(सारण): जिले के अधिकतर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले मरीजों की चिकित्सा का कार्य आयुष डाक्टर कर रहे हैं।

By Edited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 03:02 AM (IST)Updated: Tue, 17 Jan 2017 03:02 AM (IST)
अधिकांश अस्पतालों में आयुष चिकित्सकों के भरोसे हो रहा इलाज
अधिकांश अस्पतालों में आयुष चिकित्सकों के भरोसे हो रहा इलाज

(सारण): जिले के अधिकतर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले मरीजों की चिकित्सा का कार्य भार आयुष चिकित्सकों के जिम्मे है। वहीं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। एपीएचसी पर प्रतिनियुक्त एएनएम एवं सफाई कर्मी ताला खोल कर अपनी ड्यूटी बजा लिया करते हैं। सोमवार को दैनिक जागरण की टीम ने जिले के सभी पीएचसी एवं एपीएचसी पर एक साथ पड़ताल करने के लिए पहुंची। जिसमें सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा को लेकर किए जा रहे दावे की पोल खुलती हुई नजर आई। साफ-सफाई एवं अस्पताल में आने वाले मरीजों तथा उनके परिजनों के लिए शुद्ध पेय जल की व्यवस्था के साथ ही बेड व चादर के मामले में जिले के लगभग सभी अस्पताल फिसड्डी साबित होते दिखे। कई जगह मरीजों के परिजनों ने अपने घर से कंबल, रजाई व चादर लाने की शिकायत की। अधिकतर अस्पतालों में सोमवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक अनुपस्थित रहे। बताया गया कि समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होने छपरा गए हैं।

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पीएचसी मकेर में नहीं हो रहा ब्लड ग्रुप एवं ब्लड शूगर की जांच

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- ठंड के मौसम में भी नहीं मिल रहा कफ सिरप

संसू, मकेर (सारण) : समय सुबह साढ़े दस बजे, स्थान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मकेर, हालात यह कि कोई भी चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल में मौजूद नहीं। 10 बजकर 45 मिनट पर यक्ष्मा सहायक शंकर कुमार गुप्ता पहुंचे। दोपहर 12 बजे तक अस्पताल का कार्यालय बंद रहा। स्वास्थ्य प्रबंधक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अनुपस्थित रहे। डा. प्रियंका प्रियदर्शी एवं डा. पंकज कुमार उपस्थित हुए। प्रखंड के कपसर गांव से पहुंची सुजांती देवी, रेखा एवं फुलवरिया गांव की संजू देवी तथा लीला राय ने बताया कि अस्पताल में ब्लड ग्रुप एवं ब्लड शूगर की जांच की कोई व्यवस्था नहीं। वहीं खांसी की शिकायत में इलाज के लिए पहुंचे दशरथ राय निराश होकर लौटते नजर आए। पूछने पर बताया कि ठंड के मौसम में कफ सिरप अस्पताल में उपलब्ध नहीं है।

डा. प्रियदर्शी ने कहा कि इमरजेंसी में 30 एवं ओपीडी में 18 प्रकार की दवाएं उपलब्ध है। प्रखंड के आठ पंचायतों में फुलवरिया उप स्वास्थ्य केन्द्र को छोड़ कहीं भी एएनएम उपस्थित नहीं दिखी।

-दो घंटा 20 मिनट विलंब से शुरू हुई स्वास्थ्य जांच

संसू, जलालपुर (सारण) : सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जलालपुर में स्वास्थ्य जांच व मरीजों का इलाज आयुष चिकित्सकों के सहारे चल रहा है। सुबह आठ बजे की जगह दस बजकर 20 मिनट पर आयुष चिकित्सक डा. राजकुमार मरीजों का इलाज करने व स्वास्थ्य जांच का कार्य शुरू किए। दंत चिकित्सक डा. पुनीता 10.30 बजे पहुंची। साढ़े दस बजे तक कई कर्मी ड्यूटी से गायब थे। पैथोलाजिकल लैब में कर्मी प्रेम उपस्थित थे। तथा ब्लड सैंपल की जांच कर रहे थे। स्वास्थ्य प्रबंधक भी गायब रहे। डिहाइड्रेशन के मरीज सुखदेव ¨सह ने बताया कि अस्पताल में उपलब्ध दवा सिर्फ आरएल तथा डेक्सोना बताया गया है। अन्य दवाएं बाजार से खरीदनी पड़ी। अस्पताल में मिलने वाली दवाओं की सूची में एक सौ से भी अधिक दवाओं के नाम अंकित किए गए हैं। जबकि अस्पताल में बमुश्किल 20 से 25 दवाएं उपलब्ध है। यहां तक कि एंटी रैबिज की सूई भी उपलब्ध नहीं है।

रोस्टर के अनुसार ड्यूटी करने के नाम पर चिकित्सक अस्पताल से गायब रहते हैं जबकि उपस्थिति पंजी में सात दिन की हाजिरी दर्ज कर दी जाती है।

दाउदपुर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित थी एक नर्स

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संसू, दाउदपुर (सारण) : मांझी प्रखंड के दाउदपुर में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सोमवार की सुबह 11 बजे दैनिक जागरण की टीम पहुंची तो एक एएनएम एवं एक सफाई कर्मी को छोड़ कोई कर्मी उपस्थित नहीं थे। वहीं टीकाकरण के लिए पहुंची महिला को एएनएम ने कहा कि यहां पर आज कोई सुविधा नहीं है। जिसके बाद महिला वापस लौट गई। इस संबंध में कुछ ग्रामीणों से पूछताछ किया गया तो उनका आरोप था कि इस स्वास्थ्य केंद्र पर सबकुछ उपलब्ध है, लेकिन डॉक्टर नहीं रहते है। जिससे यहां कोई सुविधा नहीं मिलती है। एक डॉक्टर है, वह भी आयुष के है। जो सुबह 8 बजे से 2 बजे तक रहते है। उसके बाद यह स्वास्थ्य केंद्र एक एएनएम के सहारे चलता है। यह स्वास्थ्य केंद्र सरकारी आदेशानुसार 24 घंटे चलता रहता है, लेकिन लोगों को समुचित सेवा नहीं मिलता है। वहीं आज डॉक्टर के नहीं रहने के संबंध में जानकारी लेने पर पता चला की वे पोलियो की ट्रे¨नग में गए हैं। डॉक्टर गौरव से संपर्क करने के दौरान बताया गया कि इस स्वास्थ्य केंद्र पर फिलहाल एक डॉक्टर व तीन एएनएम नियुक्त हैं। एक चिकित्सक की आठ घंटे की ड्यूटी रहती है। इस स्वास्थ्य केंद्र पर कम से कम चार डॉक्टर एवं छह एएनएम की आवश्यकता है, लेकिन किसी तरह एक के सहारे चल रहा है। सरकार ने व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं किया है।

अपनी बदहाली पर रो रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

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संसू, मशरक(सारण): सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मशरक अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है। अस्पताल की स्थिति काफी बदहाल है। ऐसा लगता है कि इसे देखने वाला न तो कोई अधिकारी है और न ही कोई जनप्रतिनिधि। राम भरोसे चलता है, मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र। दैनिक जागरण ने सोमवार को अस्पताल का ऑन द स्पाट जायजा लिया, तो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ ही स्वास्थ्य प्रबंधक, स्थापना लिपिक अनुपस्थित पाए गए। चिकित्सा पदाधिकारी डा. अनन्त नारायण कश्यप तथा दंत चिकित्सक डा. राजीव रंजन अस्पताल में मरीजों को देख रहे थे। अस्पताल का शल्य कक्ष जर्जर अवस्था में है। जहां साफ सफाई ठीक ढंग से नहीं हो पा रही है। निर्धारित समय पर दवा वितरण काउंटर तथा निबंधन काउंटर खुला था। स्थापना लिपिक का कार्यालय भी बंद पाया गया। एक्स-रे रूम खुला था, लेकिन कोई कर्मी नहीं था। वहीं अस्पताल में शौचालय काफी गंदा था।लग रहा था लंबे समय से इसकी साफ सफाई नहीं की गई है। आपरेशन थियेटर कभी भी नहीं खुला है। शुद्ध व शीतल पेयजल के लिए लगा आरओ एक सप्ताह बाद से ही खराब हो गया। जो अभी भी बंद पड़ा हुआ है। अस्पताल के किसी भी बेड पर सतरंगी चादर नहीं दिखा। आकस्मिक सेवा कक्ष में भर्ती मरीज के सास व पानापुर थाना क्षेत्र के चकिया गांव के युगुल ठाकुर की पत्नी फगुनी देवी ने बताया कि अस्पताल में सुविधा कुछ भी नहीं है। बेड पर लगाने के लिए चादर तथा ठंड से बचाव को लेकर रजाई अपने घर से लाई हूं। यही नहीं दवा भी बाजार से महंगे दर पर खरीदना पड़ा है। अस्पताल में सरकार द्वारा दी जाने वाली करीब 33 दवाओं में से खांसी का सिरप, कैल्सियम, आयरन सिरप आदि उपलब्ध नहीं है। यक्ष्मा काउंटर पर दवा ले रहे मरीज के एक अभिभावक रूपेश रंजन ने बताया कि दवा खिलाने के बाद भी बीमारी ठीक नहीं हो रही है। अस्पताल में तैनात गार्ड काफी सहमे हुए दिखे। जब इसका कारण जानने का प्रयास किया गया, तो एक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हम लोगों से अस्पताल की रखवाली करने के अलावा चाय पान लाने के कार्य में लगा दिया जाता है तथा नहीं करने पर अस्पताल से हटवा देने की धमकी दी जाती है।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के छपरा मी¨टग में चले जाने पर केवल एक दिन के लिए मौखिक प्रभार में कार्य देख रहे डा. अनन्त नारायण कश्यप ने बताया कि हम लोगों का रोस्टर बना है। उसी से कार्य हम लोग करते हैं।

समय पर मौजूद दिखे चिकित्सक

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संसू, परसा : प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परसा में चिकित्सक निर्धारित समय पर पहुंच गए थे। ऑन द स्पाट के दौरान की गई पड़ताल में पीएचसी के चिकित्सक डा. अजय कुमार ¨सह दस बजे मरीजों को देख रहे थे। दवा काउंटर पर अवधेश कुमार राय और धीरज कुमार दवा वितरण के कार्य में मुस्तैद दिखे। हालांकि आम लोगों की शिकायत थी कि अस्पताल में खांसी का सिरप उपलब्ध नहीं है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. दिलीप कुमार ¨सह एवं स्वास्थ्य प्रबंधक विश्वजीत ¨सह के बारे में बताया गया कि जिला मुख्यालय में आयोजित बैठक में शामिल होने छपरा गए हैं।


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