मंदिर में शरण लिए हैं जलालपुर व मेथवलिया के बाढ़ पीडि़त
सारण। बाढ़ के विकराल रूप के बाद रिविलगंज प्रखंड के जलालपुर व मेथवलिया गांव के दर्जनों बाढ़
सारण। बाढ़ के विकराल रूप के बाद रिविलगंज प्रखंड के जलालपुर व मेथवलिया गांव के दर्जनों बाढ़ पीड़ित परिवार प्राचीन महारानी स्थान में शरण लिए हुए हैं। प्रशासन से कोई राहत नहीं मिलने से लोगों में काफी नाराजगी है। आक्रोशित पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ में सबकुछ डूब गया है लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई भी व्यक्ति सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा है। प्रशासन द्वारा राहत सामग्री का वितरण पता नहीं किन जगहों पर किया जा रहा है। राहत वितरण का ढोल भले ही प्रशासन पीट रही है लेकिन हकीकत यह है कि अभी तक सही पीड़ितों को इसका लाभ नहीं मिल सका है।
बताया जाता है कि जलालपुर व मेथवलिया गांव के सैकड़ों परिवार बाढ़ से पीड़ित हैं। बाढ़ ने इनका सबकुछ ले लिया है। किसी तरह वे पशुओं को लेकर सड़क किनारे शरण लिये हुए हैं। इनमें से करीब बीस परिवार जलालपुर गांव स्थित प्राचीन महारानी स्थान में शरण लिये हुए हैं। गांव के रामअयोध्या राय, अजय कुमार, प्रभुनाथ मांझी, लाल बिहारी महतो आदि ने बताया कि तेल नदी के उफान ने उनका सबकुछ ले लिया है। बाढ़ में घर से लेकर पूरा सामान बह गया है। प्रशासन द्वारा कोई राहत मुहैया नहीं करायी गयी है। किसी तरह मंदिर में खाना बनाकर लोग रह रहे हैं। छोटे से मंदिर में बीस परिवार के लोग रैन बसेरा कर रहे हैं। इन ग्रामीणों का कहना था कि मंदिर के पास एनएच पर बना पुराना पुलिया कभी भी ध्वस्त हो सकता है। इसे भी देखने वाला कोई नहीं है। सबकुछ राम भरोसे चल रहा है।