उपेक्षा का शिकार है दिघवारा का जिप डाकबंगला
सारण। दिघवारा में कभी शान समझा जाने वाला जिला परिषद का डाकबंगला उपेक्षा का शिकार है। ि
सारण। दिघवारा में कभी शान समझा जाने वाला जिला परिषद का डाकबंगला उपेक्षा का शिकार है। ब्रिटिश कालीन इस डाकबंगले में शान ओ शौकत के सभी इंतेजाम हुआ करते थे। अंग्रेज अफसरों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों और वीआईपी यहां ठहरते थे। आज वहीं डाकबंगला अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। हालात यह है कि कभी वीआईपी को शरण देने वाले इस डाकबंगले में आज जानवर पनाह पाते हैं। लोगो ने इसे खटाल बना दिया है। चहारदिवारी जर्जर है। उपेक्षा का आलम यह है कि पिछले 20 वर्षो से यहां एक चौकीदार की नियुक्ति भी नहीं हुई। नतीजा डाकबंगले का कीमती सामान किसी के घर की शोभा बन गया या फिर चोरोंके हाथ लग गया। पुराने लोग बताते हैं कि यहां रिहायशी के बहुत सामान थे। शौचालय, बाथरूम, कीचेन, ड्राइंग रूम और बेडरूम की सुनियोजित व्यवस्था थी। कीमती लकड़ी के पलंग और फर्नीचर इसकी शान हुआ करते थे। विभाग की उपेक्षा और रख-रखाव के अभाव में इसके दुर्दिन आ गये हैं। इस बावत जिला परिषद के जिला अभियंता डीएन दत्ता बताते हैं कि डाकबंगला के सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव दिया गया है। मंजूरी मिलते ही इसका पुराना वैभव लौटाया जायेगा।