मलेशिया गए बिहार के 110 युवकों को बना लिया गया बंधक
विदेश में नौकरी के नाम पर राज्य के करीब 110 युवक मलेशिया में बंधक बना लिए गए हैैं। इनमें सारण जिला स्थित एकमा प्रखंड के मुबारकपुर का निवासी अरुण कुमार सिंह (35) भी शामिल है। अरुण नेशनल वेट लिफ्टर है। एक माह पहले ही उसे मलेशिया भेजा गया है।
छपरा। विदेश में नौकरी के नाम पर राज्य के करीब 110 युवक मलेशिया में बंधक बना लिए गए हैैं। इनमें सारण जिला स्थित एकमा प्रखंड के मुबारकपुर का निवासी अरुण कुमार सिंह (35) भी शामिल है। अरुण नेशनल वेट लिफ्टर है। एक माह पहले ही उसे मलेशिया भेजा गया है।
विभिन्न ट्रेडों में नौकरी के नाम पर भेजे गए इन युवकों से घास काटने से लेकर शौचालय की सफाई तक के काम लिए जा रहे हैं। काम करने से मना करने पर उन्हें हत्या की धमकी दी जा रही है। बंधक बनाए गए सभी युवकों को 14-14 के ग्रुप में बांट कर काम लिया जा रहा है।
अरुण के पिता प्रभुनाथ सिंह ने गुरुवार को सारण के जिलाधिकारी दीपक आनंद से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी। प्रभुनाथ सिंह के अनुसार मलेशिया से फोन कर अरुण ने बताया है कि बंधकों को भरपेट भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। उनके साथ मारपीट की जा रही है। इसकी जानकारी उन्हें अरुण ने फोन पर दी है।
उन्होंने बताया कि उनका पुत्र अरुण करीब एक महीने पहले मलेशिया गया है। वहां बंधक बनाए गए युवकों पर नजर रखी जा रही है। मौका मिलने पर ही वे परिजनों से बातचीत कर पाते हैं।
अरुण को गुजरात के अहमदाबाद की ढाका मैनपावर कंपनी के एजेंट इमरान बोरा ने कूल एंड इजी कंपनी में पाइप फिटर पद पर नौकरी दिलाने की बात कहकर मलेशिया भेजा था। पर, मलेशिया में उसे किसी अन्य कंपनी में भेज दिया गया।
कंपनी के एजेंट ने मलेशिया में काम दिलाने के लिए 70 हजार रुपये भी लिए थे। कंपनी ने अरुण के साथ-साथ बंधक बनाए गए सभी युवकों के वीजा व पासपोर्ट भी अपने पास रख लिए हैं।
इस मामले को लेकर ढाका मैनपावर कंपनी से संपर्क के प्रयास विफल रहे। सारण के जिलाधिकारी दीपक आनंद ने बताया कि उन्हें मलेशिया में बंधक बनाए गए युवकों की जानकारी मिली है। इसकी पड़ताल की जा रही है। उनकी रिहाई के लिए विदेश मंत्रालय को सूचित किया जा रहा है।