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दवा के लिए भटकते रहे परिजन और चल बसी मैट्रिक की छात्रा

जाटी, छपरा/मांझी : मांझी प्रखंड के मेंहदीगंज में गुरुवार की सुबह सर्पदंश से मैट्रिक की एक छात्रा की

By Edited By: Published: Thu, 21 May 2015 07:21 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2015 07:21 PM (IST)
दवा के लिए भटकते रहे परिजन और चल बसी मैट्रिक की छात्रा

जाटी, छपरा/मांझी : मांझी प्रखंड के मेंहदीगंज में गुरुवार की सुबह सर्पदंश से मैट्रिक की एक छात्रा की मौत हो गई। अगर अस्पताल में एंटी स्नैक वेनम होता तो उसकी जान बचायी जा सकती थी, लेकिन मांझी पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक उसके परिजन दौड़ते रहे और दवा नहीं मिली। इसी बीच जब सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने पटना ले जाने को कहा तो रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। हालांकि सिविल सर्जन विनय कुमार यादव ने पूछने पर बताया कि सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक वेनम उपलब्ध है। फिर आखिर उस पीड़ित छात्रा को पटना ले जाने की सलाह क्यों दी गई? इसकी जांच करायी जाएगी। मांझी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अगर एंटी स्नैक भेनम उपलब्ध नहीं है तो इसके लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी दोषी हैं।

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जानकारी के अनुसार मेंहदीगंज के ललन यादव की होनहार पुत्री रीता कुमारी गुरुवार की सुबह शौच को खेत में गयी थी। इसी दौरान उसे सांप ने डंस लिया। घर आकर जब उसने यह बात अपने परिजनों को बतायी तो परिजन उसे मांझी पीएचसी ले गये। मांझी पीएचसी में एंटी स्नैक वेनम उपलब्ध नहीं होने पर उसे छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। मृतका रीता की मां ने कहा कि जब उसे लेकर हमलोग छपरा सदर अस्पताल पहुंचे तो वहां मौजूद डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि यहां भी एंटी स्नैक वेनम नहीं है, आप लोग इसे तुरंत पटना ले जाएं। पटना ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। अगर अस्पताल में एंटी स्नैक वेनम होता उसकी जान बचायी जा सकती थी। हालांकि सिविल सर्जन विनय कुमार यादव ने कहा कि सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक वेनम मौजूद है। मरीज के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया गया, इसकी जांच करायी जाएगी। उधर, जब रीता का शव उसके घर पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया। रीता इसी वर्ष दलन सिंह उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा दी थी। दो भाई-तीन बहन में वह मंझली थी। इस होनहार छात्रा की मौत से गांव में कोहराम मचा है और लोगों में इस बात का गुस्सा भी है कि अगर एंटी वेनम अस्पतालों में होता तो उस होनहार छात्रा की जान बचायी जा सकती थी।


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