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दाउदपुर के दर्जनों लोग नेपाल में फंसे

संसू, दाउदपुर (सारण) : दाउदपुर थाना क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक लोग नेपाल में रहकर अपनी आजीविका चला

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 08:57 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 08:57 PM (IST)
दाउदपुर के दर्जनों लोग नेपाल में फंसे

संसू, दाउदपुर (सारण) : दाउदपुर थाना क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक लोग नेपाल में रहकर अपनी आजीविका चलाते हैं। वे सभी लोग नेपाल में आये भूकंप की त्रासदी के बाद वहीं फंसे हैं। विनाशकारी भूकंप को लेकर परिजनों को उनकी चिंता सता रही है। परिजन हाल जानने के लिए लगातार मोबाइल व फोन से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। जिससे चिंताएं और बढ़ी हुई है। बताया जाता है कि दाउदपुर थाना क्षेत्र के सोनिया गांव निवासी ब्रजकिशोर सिंह की पुत्री पुष्पलता कुमारी नेपाल के काठमांडू में भारतीय दूतावास में सेक्शन आफिसर के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता ब्रजकिशोर सिंह ने सोमवार को जागरण से बातचीत में बताया कि भूकंप आने के बाद से पिछले दो दिनों से उन्हें अपनी बेटी से कोई बातचीत नहीं हो रही थी। उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही मिल रही थी। लेकिन आज दिन में उनकी बेटी का फोन आया उसका हाल जानने के बाद घर के लोगों को कुछ सकुन पहुंचा। उनकी माता मनोरमा देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। उन्होंने बताया कि दो माह पूर्व ही उनकी बेटी की शादी हुई है। उनका दामाद बेनेजुयेला में भारतीय दूतावास में हैं। इसी तरह जैतपुर तिवारी टोला निवासी किशोर गिरि का पुत्र शशिभूषण गिरि एवं पुत्र वधू चुल्ली गिरि काठमांडू के दिल्ली बाजार में रहते हैं। किशोर गिरि ने बताया कि भूकंप के बाद से उनके पुत्र और पुत्रवधू से कोई संपर्क नहीं हो रहा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हालांकि लोग ढाढस बंधा रहे हैं लेकिन परिजनों के आंखों से आंसू नहीं रूक रहे। इसी तरह सिसवां गांव निवासी श्यामबाबू सिंह के बड़े भाई, भाभी एवं भतीजी भी नेपाल में ही रहते हैं। तबाही के बाद उनसे भी किसी का संपर्क नहीं है। लेकिन कुछ लोगों से पता चला है कि वे लोग घर छोड़कर पार्क में टेंट गिराकर रह रहे हैं। तेज बारिश होने के बाद भी वे लोग टेंट में ही छुपे हैं। वहां दो बार खाना मिल रहा है उसमें भी भगदड़ मच रही है। यह जानकारी दूसरों से मिली है लेकिन उन लोगों से सीधे तौर पर अबतक बात नहीं हो सकी है। इसी तरह अन्य कई गांव के लोग भी नेपाल में फंसे हैं। जिनकी चिंता परिजनों को सता रही है।


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