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नीतीश पर साधा निशाना

जासं, छपरा : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश जनता परिवार में जाएं, जदयू हम चलाएं

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 07:06 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 04:09 AM (IST)
नीतीश पर साधा निशाना

जासं, छपरा : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश जनता परिवार में जाएं, जदयू हम चलाएंगे। मंगलवार को रामजयपाल सिंह यादव कालेज के मैदान में हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के प्रमंडलीय गरीब स्वाभिमान रैली को संबोधित करते हुए मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने नीतीश पर निशाना साधते हुए खम ठोक कर कहा कि हम जदयू में हैं और जदयू हम चलाएंगे। मांझी ने अपनी जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि जनता परिवार के विलय के बाद पार्टी का नाम समाजवादी जनता दल और चुनाव चिह्न साइकिल होगा। उन्होंने कहा जब विलय तय हो ही गया है तो नीतीश जाएं जनता परिवार में, हम जदयू चलाएंगे और तीर लेकर घर-घर घूमेंगे। कहा कि लोग खूब समझ रहे हैं कि यह कैसा गठबंधन है। नीतीश अपनी सरकार बचाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। राजद सुप्रीमो पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू के कहने पर इस बार उनके स्वजातीय ही नीतीश को वोट नहीं देंगे, क्योंकि सजायाफ्ता होने के कारण लालू तो मुख्यमंत्री बनने से रहे और नीतीश को मुख्यमंत्री बनाने के लिए आठ वर्षो तक यातना सहने वाला उन्हें अपना वोट क्यों देगा। मुख्यमंत्री के तौर पर अंतिम दिनों में लिए गए अपने 34 निर्णयों की चर्चा करते हुए मांझी ने कहा कि सभी जनहित में थे, लेकिन नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनते ही सभी निर्णयों को एक झटके में रद कर अपने पतन की बुनियाद तैयार कर ली। कोई भी हमारा ऐसा निर्णय नहीं था जो जनहित में न हो, लेकिन नीतीश ने जो किया उसका खामियाजा उन्हें आगामी विस चुनाव में भुगतना पड़ेगा। चाहे पुलिस का मामला हो, चाहे शिक्षक का मामला हो या फिर वित्तरहित शिक्षकों का मामला, सभी में हमने राहत प्रदान करने वाला निर्णय लिया। पांच एकड़ तक खेत वाले किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर दी तो इसमें बुराई क्या थी। फिर क्यों हमारे निर्णयों को रद किया गया। इसलिए कि हम महादलित हैं। हम जब बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो हंगामा खड़ा हो गया, मीडिया वाले भी कहने लगे कि हम भाजपा में जा रहे हैं। आज जब नीतीश कुमार न सिर्फ नरेंद्र मोदी से मिल रहे हैं, बल्कि वित्तमंत्री अरुण जेटली के घर जाकर भोजन कर रहे हैं तो कोई हंगामा नहीं मच रहा है। दरअसल नीतीश में नैतिकता नाम की कोई चीज ही नहीं रह गई है। जब तक हम उनकी मर्जी से चले तब तक सब ठीक और जब हम अपनी मर्जी से सरकार चलाने लगे तो उनके पेट में दर्द होने लगा। यहां तक कि कुचक्र रचा जाने लगा। मंत्रियों व अफसरों के तबादले वाली फाइल पर जब तक आंख मूंदकर साइन करते रहे, तब तक सबकुछ ठीक था, लेकिन जब हम अपने विवेक से निर्णय लेना शुरू किए तो उनकी नजर में गड़बड़ शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में पांच लाख लोग एकत्रित होंगे और हम अपनी शक्ति का एहसास नीतीश कुमार को कराएगा। अगर पांच लाख से कम लोग एकत्र हुए तो हम राजनीति से संन्यास भी ले लेंगे। साफ तौर पर नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश का पूरी तरह से सफाया हो जायेगा। हालांकि पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का सभा मंच से अचानक उठकर चले जाना चर्चा का विषय बना रहा। सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व मंत्री डा. महाचंद्र प्रसाद सिंह ने की। सम्मेलन को हम के संयोजक व पूर्व मंत्री वृषिण पटेल, शाहिद अली खां, पूर्व मंत्री अजीत कुमार, ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, शकुनी चौधरी, टेकारी विधायक अनिल कुमार, महुआ विधायक रविंद्र राय, दिघा की विधायक पूनम देवी, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, साधु यादव, ब्रह्मानंद पासवान शास्त्री आदि ने संबोधित किया।

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