नारी सशक्तिकरण की प्रबल पक्षधर थीं स्वर्णलता देवी
जासं, छपरा : सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं कवयित्री स्वर्णलता देवी की 105वीं जयंती मंगलवार को समा
जासं, छपरा : सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं कवयित्री स्वर्णलता देवी की 105वीं जयंती मंगलवार को समारोहपूर्वक मनायी गयी। इस मौके पर अलग-अलग संस्थाओं ने कार्यक्रम का आयोजन कर स्वर्णलता के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा की। नगरपालिका चौक स्थित स्वतंत्रता सेनानी स्वर्णलता स्मृति अध्ययन केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन में स्वर्णलता देवी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंग्रेजों की लाठियां खाई और यातनाएं सही। वे नारी सशक्तिकरण की प्रबल पक्षधर थीं। अध्यक्षीय संबोधन में कुमार कमला शरण ने कहा कि सरकार ने उन्हें एमएलसी मनोनीत करने तथा पेंशन देने की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने विनम्रता पूर्वक अस्वीकार कर दिया। इस मौके पर विरेन्द्र कुमार पाण्डेय, जितेन्द्रनाथ मिश्रा, अरविंद कुमार, राजेन्द्र शर्मा, रमेश नारायण सिंह, चुन्नू कुमार सिंह, सूर्यवंशी शर्मा, राजेश्वर राम, कुमार दर्शनानंद आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। उधर, नया क्षितिज के तत्वावधान में पूर्व प्राचार्य केके द्विवेदी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा नेता कन्हैया सिंह ने कहा कि स्वर्णलता देवी देशभक्ति की मिशाल थीं। समारोह में प्रो. अनिता, नीरज सिंह, कश्मीरा सिंह, प्रो. विजय कुमार सिन्हा आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।