नक्सलियों की गिरफ्तारी को छापेमारी में जुटी पुलिस
संसू, पानापुर (सारण) : थाना क्षेत्र के सहवाजपुर गांव स्थित ईट भट्ठा के चिमनी को बुधवार की रात नक्सलियों द्वारा विस्फोट कर उड़ा दिये जाने की घटना के पीछे लेवी नहीं दिये जाने से बड़ा कारण मठ मंदिर की जमीन में चिमनी संचालित करना बताया जा रहा है। इसकी चर्चा भी पूरे क्षेत्र में सुनने को मिल रही है। पुलिस भी इसी को आधार मानकर अनुसंधान को आगे बढ़ा रही है। पुलिस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सहवाजपुर गांव स्थित जिस जमीन पर चिमनी संचालित है वह जमीन गांव में स्थित रामजानकी मठ की है। इसपर वर्षो से चिमनी संचालित हो रहा है। उक्त भूमि को लेकर पिछले कई वर्षो से दो पक्षों के बीच विवाद भी चलता आ रहा है तथा मामला न्यायालय में लंबित होने की बात बताई जा रही है। जमीन के संबंध में बताया जा रहा है कि वह जमीन महंत स्व. विंदेश्वरी दास के नाम पर है। चिमनी मालिक सुरेन्द्र सिंह के भाई अनिल कुमार सिंह उर्फ अनिल दास महंत स्व. विंदेश्वरी दास के कथित अनुयायी बताकर कब्जा जमाये हुए हैं। जिसको लेकर वर्षो से विवाद चल रहा है। आज से करीब पांच वर्ष पूर्व उक्त जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच झड़प भी हुई थी। घटना के समय नक्सलियों द्वारा घटनास्थल पर जो पर्चा छोड़ा गया है उसमें भी इस बात को दर्शाया गया है कि सुरेन्द्र सिंह का चिमनी क्यों उड़ाया गया। पर्चा में कहा गया है कि वे पार्टी द्वारा मांग की गई लेवी की राशि निर्धारित समय पर जमा नहीं किए एवं मठ मंदिर की जमीन पर ईट भट्ठा चला रहे हैं। इन सारी तथ्यों को लेकर स्थानीय पुलिस घटना के अनुसंधान में लगी हुई है एवं इससे जुड़े नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।