जेएनयू के छात्र छपरा निवासी रवि की सड़क दुर्घटना में मौत
संवाद सूत्र, डोरीगंज (सारण) : जेएनयू के फारेन लैंग्वेज के छात्र रवि की मोटरसाइकिल दुर्घटना में गुरूवार को हुई मौत के बाद उसके पैतृक घर डोरीगंज में मातमी सन्नाटा पसरा है। रवि के साथ बिहार के गया व मुजफ्फरपुर जिले के भी दो छात्रों की जान इस दुर्घटना में चली गयी। रवि का शव शनिवार को उसके पैतृक घर लाया जायेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डोरीगंज थाना क्षेत्र के ख्वासपुर गांव निवासी 26 वर्षीय रवि ने मैट्रिक व इंटरमीडिएट की पढ़ाई हजारीबाग से की थी। इसके बाद वह फारेन लैंग्वेज का कोर्स करने जेएनयू चला गया। गुरूवार की रात्रि वह अपने दो अन्य मित्रों के साथ हास्टल की ओर लौट रहा था, तभी संतुलन खो जाने के कारण उनकी मोटरसाइकिल एक पेड़ से जा टकरायी और मौके पर ही एक की मौत हो गयी। बाकी दो घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी भी मौत हो गए। मृत छात्रों में डोरीगंज के रवि के अलावे मुजफ्फरपुर व गया के संतोष व रविशंकर शामिल हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद से उसके घर पर कोहराम मच गया। उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है। रवि के पिता जर्मन चौधरी हजारीबाग में नलकूप विभाग में क्लर्क थे, जो अब रिटायर हो चुके हैं। वे अपने दो अन्य पुत्रों बबलू व मुन्ना के साथ अब हजारीबाग रहते हैं, जबकि डोरीगंज स्थित उसके पैतृक घर में सिर्फ मां सोना देवी रहती हैं। घर पर अगल-बगल की औरतें उसकी मां को ढांढस बंधाने में लगी हैं, जबकि सूचना के बाद रवि के पिता व भाई हजारीबाग से चल दिए हैं। परिजनों ने बताया कि रवि का शव शनिवार को यहां लाया जायेगा। घर पर रवि के पड़ोसी रहबर अली, हुसैन आदि काफी आहत दिखे। इन्होंने बताया कि 26 वर्षीय रवि का व्यवहार सबके साथ अच्छा था और वह अच्छी पतंगबाजी के लिए मुहल्ले में जाना जाता था। धार्मिक प्रवृत्ति का रवि छठ का व्रत भी करता था। हालांकि, वह दो वर्ष से अपने पैतृक घर नहीं आया था, आयी तो उसके मौत की खबर। घर पर मां को ढांढस बंधाने रवि की बहन शशि अपने पति अजय कुमार चौधरी के साथ रिविलगंज से आयी हैं। लेकिन, ढांढस बंधाने वालों का भी रो-रोकर बुरा हाल है।