वाया व गंगा का जलस्तर गिरा, तबाही बरकरार
गंगा व वाया नदी के जलस्तर में आई गिरावट से लोगों ने प्रलयंकारी बाढ़ की तबाही से राहत की सांस ली।
समस्तीपुर। गंगा व वाया नदी के जलस्तर में आई गिरावट से लोगों ने प्रलयंकारी बाढ़ की तबाही से राहत की सांस ली। हालांकि, बाढ़ की स्थिति यथावत होने से प्रभावित क्षेत्रों में गंगा व वाया का पानी अब भी पसरा है। लोग अभी भी राहत शिविर या सड़क पर ही आश्रित है। स्कूल, कॉलेज सहित प्रखंड के विभिन्न मार्गों पर पानी का तेज बहाव जारी है। सड़कों पर अब भी नाव ही सहारा है। तो दूसरी शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह ठप है। सरैसा के विभिन्न इलाकों में पसरा पानी सिमटने लगा है। तो गंगा तटीय इलाका सुलतानपुर, पतसिया, घटहा टोल, चापर, रजैसी, नारायणपुर, बाबा पटी के गांव अब भी बेहाल है। वहीं तेतारपुर, कुरसाहा, वाकरपुर, मनियरमरंगपार, मोगलचक सहित कई पथों पर पानी का तेज बहाव जारी है।
घटने लगा पानी, फैलेगी महामारी
बाढ़ का पानी अब धीरे धीरे सिमटने लगा है। इसके साथ महामारी फैलने की आशंका प्रबल हो गई है। इसकी रोकथाम के लिए कोई व्यवस्था अब तक प्रशासन की ओर से नहीं किया गया है। अस्पतालों में दवा का अभाव है तो सड़कों पर विस्थापित बाढ़ पीड़ितों का बीमार पड़ने का सिलसिला शुरू है। जिसके एक नहीं
कई उदाहरण है। ये अलग बात है कि प्रशासन संपूर्ण व्यवस्था की दावा कर रही है। ¨कतु सरकारी दावे का पोल उस वक्त खुल जाती है जब चापर के शिविर में लालू कुमार ¨सह कई दिनों से बीमार है। जिसे सरकारी स्तर पर दवा अब तक नहीं मिल पाई है। अगर समय पूर्व सरकारी महकमा महामारी फैलने की आशंका को देखते हुए दवा व चिकित्सकों की व्यवस्था कराने में अक्षम होती है तो महामारी फैलना आम बात होगी।
राशन किरासन पर आफत
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राशन किरासन का आफत है। राशन के अभाव में लोग भुखमरी के शिकार है तो दूसरी ओर किरासन तेल के अभाव में अंधेरे में रहने को विवश है। बताते हैं कि बाढ़ की समस्या के बावजूद सरकारी स्तर पर किरासन तेल की कोई व्यवस्था नहीं किया गया। तो सबकी नजरे डीलरों के दुकानों से मिलने वाली राशन व किरासन पर ही टिका था। ¨कतू काफी संख्या में विस्थापित बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि राशन की दुकान से मिलने वाली अगस्त माह का किरासन व राशन नहीं मिल पाया है।
खुले आसमान के नीचे बाढ़ पीड़त
- अदना एक पन्नी को मुहताज
खुले आसमान के नीचे रह रहे बाढ़ पीड़ित कई समस्याओं से जूझ रहे है। बताते है कि काफी संख्या में ऐसे परिवार सड़क किनारे है। राहत शिविर में तो कमोवेश व्यवस्था कराई गई है। ¨कतु सड़क किनारे वसे लोग अदना एक पन्नी को मुहताज है। सड़क किनारे शौच को जाना उनकी मजबुरी है। तो दूसरी ओर पेयजल, भोजन, दवा, जलावन सहित कई ऐसी समस्याओं से वे रुबरु हो रहे है। जिनकी जिदंगी भूखे पेट कट रही है। जिसे आज भी सरकारी राहत की दरकार है।
तेज हवा क झोंके से गिरा घर
शुक्रवार की अहले सुबह तेज गति से आई आंधी व बारिस से बाढ़ इलाकों में कई घर गिर पड़े। जिसमें जगह जगह व्यापक पैमाने पर दलित वस्तियों में घर गिरने की सूचना है। मो. नगर उतर में कांति देवी, अरुण पंडित, मनियर के सुरेश भगत एवं सत्येन्द्र पासवान सहित काफी संख्या में दलितों के घरों को नुकसान पहुंचा है।
राज्यसभा सांसद ने लिया जायजा
राज्य सभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। सांसद ने कई राहत शिविरों में पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से उसकी समस्या को सुना। तो सरकारी स्तर पर चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्य का भी जायजा लिया। विस्थापित परिवारों ने सांसद को राहत कार्य धीमा चलने सहित दवा उपलब्ध नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद सांसद ने मोहिउद्दीनगर अस्पताल जाकर चिकित्सा पदाधिकारी को दवा उपल्बध कराने का निर्देश दिया। श्री ठाकुर महमदीपुर, कुरसाहा, बलुआही, चापर, हरैल सहित हाजीपुर वाजितपुर गंगा तटबंधों पर जाकर गंगा की पानी से हुए तवाही का जायजा लिया। मौके पर जिला पार्षद अध्यक्ष प्रेमलता, बीडीओ प्रशांत कुमार, कौशल मिश्रा, नंद किशोर ¨सह, जग्गनाथ ठाकुर, नंद कुमार कुशवाहा, राणा राजीव ¨सह, विष्णु कुमार ¨सह आदि लोग सांसद के साथ थे।
निजी स्तर पर बांटी गई राहत
विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों एवं व्यवसायियों ने शुक्रवार को बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत का वितरण निजी स्तर पर किया। शंकराचार्य सेवा समित के बैनर तले जनसहयोग से समाजसेवी रणधीर भाई, नंद किशोर कापर, रामकुमार, विजय ¨सह, राम ¨सह, पटोरी के किरासन तेल थोक विक्रेता शंकर लोहिया, मोहिउदीननगर के व्यवसायी अनंत ¨सह, कौशल चौधरी, रामखटोर, सतीश पोद्दार, पप्पु कुमार, पंकज साहु, कुमोद कुमार आदि ने अपने निजी कोष से राहत सामग्री वितरण किया।