Move to Jagran APP

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में शिक्षक, समाज व सरकार की भूमिका अहम : भोला

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना को जमीनी हकीकत बनाने में शिक्षक, समाज व सरकार की भूमिका अहम है।

By Edited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 03:02 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 03:02 AM (IST)
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में शिक्षक, समाज व सरकार की भूमिका अहम  : भोला

समस्तीपुर। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना को जमीनी हकीकत बनाने में शिक्षक, समाज व सरकार की भूमिका अहम है। तीनों के संयुक्त प्रयास से ही शत प्रतिशत सफलता हासिल हो सकती है। उक्त बातें बेगूसराय के भाजपा सांसद और बिहार के पूर्व मंत्री भोला ¨सह ने कही। वे रोसड़ा में पंचायत नगर प्रारंभित शिक्षक संघ द्वारा आयोजित शैक्षिक सेमिनार सह शिक्षक सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। दीप प्रज्वलित कर विधिवत् उद्घाटन के पश्चात उन्होंने तीनों अंग के दायित्यों का बोध कराते हुए कहा कि शिक्षक के अंदर शिक्षा दान की भावना, समाज के अंदर शिक्षकों का सम्मान व शिक्षा का विकास की भावना तथा सरकार के अंदर भी प्रत्येक स्तर पर इसके लिए सहयोग की भावना होना आवश्यक है। सांसद ने सरकार द्वारा शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाये जाने पर भी विरोध जताते हुए इसे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवरोधक करार दिया। उन्होंने शिक्षक संघ द्वारा जारी मांगों पर भी अपनी सहमति जताई। सांसद न सेमिनार को शिक्षकों के आत्मा का द प बताते हुए कहा कि अंधकारपूर्ण परिस्थिति में यह एक मशाल के समान है।

loksabha election banner

शिक्षा की गुणवत्ता को सरकार संकल्पित

बिहार विधान परिषद के सचेतक डा. दिलीप कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए पूर्णत: संकल्पित है। विगत दिनों हुए मेघा घोटाला में सरकारी स्तर पर की गई कार्रवाई इसका प्रमाण है। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों के समूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों की हक के लिए लगातार संघर्षरत हैं। सरकार में रहने के बावजूद शिक्षक के हक की जब बात आती है तो निश्चित रूप से हमारी आवाज बुलंद होती है। उन्होंने अपने आपको शिक्षकों का प्रतिनिधि बताते हुए हर कदम पर साथ रहने का वादा किया। वहीं रोसड़ा विधायक डा. अशोक कुमार एवं मोरवा विधायक विद्यासागर ¨सह निषाद ने एक स्वर से कहा कि नियोजित शिक्षकों के सभी मांगों को सरकार के समक्ष रखने तथा पूर्ण कराने का प्रयास का भी वादा किया।

24 लाख बच्चे पहुंचे स्कूल

बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पूरण कुमार ने कहा कि पूर्व में सम्पूर्ण बिहार में 25 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा से अलग-थलग (ड्राप आउट) थे। नियोजित शिक्षकों के आने के बाद से आज की तिथि में महज एक लाख ही स्कूल से बाहर हैं। जबकि 24 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। राज्य भर के शिक्षक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कृत संकल्पित हैं। लेकिन इसके लिए सरकार को भी समान कार्य के लिए समान वेतन देना होगा। वहीं प्रदेश महासचिव केशव कुमार एवं उपाध्यक्ष राम कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार के वादा खिलाफी से नियोजित शिक्षक आहत हैं। यदि शीघ्र ही लंबित मांगों को नहीं माना गया तो, सरकार के खिलाफ राज्य भर में आर-पार की लड़ाई प्रारंभ की जाएगी। प्रदेश सचिव आनंद कौशल ने सरकार की दोहरी नीति पर तीखा प्रहार किया। और कहा कि अगर हमें अनदेखी किया गया तो आगामी चुनावों में सरकार के उम्मीदवारों को धूल चटाया जाएगा। संघ के प्रखंड अध्यक्ष कुमार रजनीश की अध्यक्षता में संचालन महामाया चौधरी कर रहे थे।

इन्होंने भी किया सम्बोधित

समारोह को पूर्व मंत्री अशोक कुमार, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामप्रकाश सहनी, प्रखंड प्रमुख उषा देवी, जिला पार्षद मुकेश कुमार, शंभू भूषण एवं प्रियंका कुमारी, बीईओ मनोज कुमार मिश्र, संघ के जिला अध्यक्ष रामचन्द्र राय, सचिव कुमार गौरव के अलावा मनीष कुमार, मुस्तफा आजाद, सुदेश कुमार, प्रकाश कुमार, संजीव आर्य, राजाराम महतो, अभय कुमार आजाद, संजय पासवान, पवन कुमार पासवान, नंद किशोर यादव, जयराम शर्मा, शशिबाला, रणवीर राय, कुमार शिवम, संजीव कुमार, मधुरेन्द्र कुमार, सरोज सहनी, जयकिशोर राय एवं मदन पासवान आदि ने सम्बोधित किया। स्वागत गान से प्रारंभ समारोह में आगत अतिथियों का पारंपरिक रीति से सम्मान भी किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.