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यहां ढूढ़ने से भी नहीं मिलता बसेरा

समस्तीपुर। जिले में ठंड की शुरूआत हो चुकी है। कोहरा भी अब ठंडी हवा के साथ अपनी चादर फैलाने लगा है।

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 03:00 AM (IST)
यहां ढूढ़ने से भी नहीं मिलता बसेरा

समस्तीपुर। जिले में ठंड की शुरूआत हो चुकी है। कोहरा भी अब ठंडी हवा के साथ अपनी चादर फैलाने लगा है। खुले आसमान के नीचे रहने वाले लोगों की रात और दुखदायी हो चली है। लेकिन इन लोगों के लिए सहारा बनने वाले रैन बसेरा का नामोनिशान तक नहीं है। तात्कालिक व्यवस्था में भी नगर परिषद फेल होते नजर आ रही है। दिन में सूरज की तपिश भी अब सुहानी लगने लगी है। वहीं सुबह शाम के साथ ही रात को कोहरे के साथ सर्द हवाएं लोगों को कंपा रही है। बावजूद इसके नगर परिषद फुटपाथ पर गुजर बसर करने वालों के लिए रैन बसेरा की तैयारी नहीं की है। खुली छत के नीचे, बड़ी बड़ी होर्डिंग के नीचे, खुले आसमान में स्टेशन के बाहर रहने वालों के लिए आफत का समय आ गया है। वहीं झुग्गी के नाम पर बांस के सहारे पन्नी तानकर रहने वाले के साथ यह समस्या दो चार होने लगा है। नगरपरिषद इन लोगों को ठंड से बचने के लिए रैन बसेरा बनाकर छत दिलाने का काम करती है। लेकिन अब तक नप के द्वारा इस ओर किसी प्रकार का ठोस कदम नहीं उठाना अपने आप में प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

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शहर में रात गुजारने को नहीं रैन बसेरा

नगर परिषद क्षेत्र में रात गुजारने को एक भी रैन बसेरा नहीं है। एक है भी तो वह प्रतीक्षालय के रूप में काम करता है। जिसे अतिक्रमणकारी अपनी चपेट में लिए हुए हैं। बता दें कि शहर के बस स्टैंड में एक रैन बसेरा है। जिसे आस-पास के दुकानदार अपने कब्जे में लेकर नाश्ते व चाय आदि बनाने का काम करते हैं। नगर परिषद क्षेत्र में तीन रैन बसेरा था। इसमें मगरदही घाट, सदर अस्पताल के सामने व बस पड़ाव शामिल है। हांलाकि मगरदहीघाट व सदर अस्पताल के सामने बने रैन बसेरा का आज कोई अस्तित्व नहीं है। वहीं बस पड़ाव में बने रैन बसेरा अतिक्रमणकारियों की चपेट में है। ना तो नगर परिषद का कोई कर्मी प्रतिनियुक्त है और ना ही देखने वाला कोई।

लाखों की आबादी को नहीं मिल रहा ठौर

नगर परिषद क्षेत्र की बात करें तो यहां 29 वार्ड हैं । लेकिन हर वार्ड की बात तो दूर नगर परिषद के पूरे क्षेत्र में रात गुजारने के लिए एक भी ठौर तक नहीं है। मौजूदा वक्त में लाखों की आबादी पर सरकारी बस पड़ाव में रैन बसेरा के नाम पर एक प्रतीक्षालय है। लेकिन वह भी पूरी तरह खराब स्थिति में है। जहां रात तो दूर, दिन में भी ठहरना मुश्किल है। इस परिस्थिति में फुटपाथ पर रहने वाले रिक्शा चालक, मजदूर, भिखारी इधर उधर रहने को मजबूर हो रहे हैं।

मुसाफिर भी हो रहे परेशान

रैन बसेरा नहीं रहने के कारण आम लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले मुसाफिरों को भी रात गुजारने में काफी कठिनाई होती है। ठंड के इस मौसम में पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण यात्रियों को इधर उधर जाकर या घुम कर रात गुजारना पड़ता है। स्थानीय बस स्टैंड पर आए दिन दूर- दराज के यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन रात गुजारने को उन्हें सड़क पर गुजारनी पड़ती है। या आसपास के दुकानों के नीचे शरण लेना पड़ता है।

वर्जन

नगर परिषद जल्द ही बस पड़ाव में दो मंजिला रैन बसेरा का निर्माण कराने जा रहा है। जहां भोजन से लेकर शौचालय व अन्य सुविधाएं रहेगी। इसके लिए नगर विकास विभाग के पास प्रपोजल भेजा गया है। जल्द ही वैसे लोगों को फायदा मिलेगा जिन्हें रात गुजारने में कठिनाई हो रही है।

देवेन्द्र सुमनकार्यपालक पदाधिकारीनगर परिषद, समस्तीपुर


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