बदहाल है 29 वर्ष पूर्व बनी दलित कॉलोनी
तीन दशक पूर्व गरीबों, भूमिहीनों को बसाने की सरकारी योजना का हाल देखना हो तो दल¨सहसराय अनुमंडल के बुलाकीपुर पंचायत में आइए।
समस्तीपुर। तीन दशक पूर्व गरीबों, भूमिहीनों को बसाने की सरकारी योजना का हाल देखना हो तो दल¨सहसराय अनुमंडल के बुलाकीपुर पंचायत में आइए। 29 वर्ष पूर्व बनी 40 घरों की यह कॉलोनी 07 मार्च 1988 को एक सरकारी समारोह में दलितों को सौंपी गई थी। सभी को चार-चार डिसमिल जमीन के साथ पक्का मकान मुहैया कराए गए थे। तब अधिकारियों ने तालियां तो खूब बटोरी थी,लेकिन इसके बाद यहां के निवासियों को वे सुविधाएं आज तक नहीं मिल पाई, जिसका उन्हें सब्जबाग दिखाया गया था। कॉलोनी में रहने वाली करीब 300 की आबादी बिजली, पानी की सुविधा के लिए तरस रहे हैं। कॉलोनी में बना शौचालय एक साल भी नहीं चल पाया। उसके बाद से ही यहां के लोग खुले में शौच को विवश हैं। आज यह कॉलोनी पूरी तरह खंडहर में बदल चुकी है।
कॉलोनी में रहने वाले बुटाई पासवान (70) व बंगाली पासवान (85) आखों में आंसू लिए कहते हैं कि उद्घाटन के बाद से आज तक कोई अधिकारी इस कॉलोनी में नहीं पहुंचे। यहीं के रामप्रताप पासवान, विश्वनाथ पासवान, पलटन पासवान, रामाकांत पासवान, चंद्रेश्वर पासवान, छोटे पासवान, शांति देवी, सरस्वती देवी, मंजू देवी, विमला देवी, माया देवी, गुलपतिया देवी आदि का कहना है कि इस कॉलोनी में 40 भूमिहीन परिवारों को बसाया गया था। उन्हें बिजली, पानी की सुविधा का विश्वास दिलाया गया था, जो आज तक ठीक ढंग से मुहैया नहीं कराई गई है। घर में बने शौचालय पहली बरसात में ही नकारा बन गए। उन्होंने कहा कि खंडहरनुमा इन घरों में जहां जानवर भी नहीं रह सकते, वहां वे अपने बाल-बच्चों के साथ रहने को मजबूर हैं।
बोले मुखिया :
पंचायत की मुखिया गिरजा देवी व सरपंच ममता देवी ने बताया कि 40 में से 18 घर ध्वस्त हो चुके हैं। उनमें रहने वाले या तो कहीं दूसरी जगह चले गए हैं या पास में ही झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। खंडहर बन चुके घरों की मरम्मत के लिए सरकारी स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। यहां रहने वाले सभी मजदूरी कर जीवन-यापन करते हैं। फिर भी इस टोले के बच्चे शिक्षित हैं। बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल जाते हैं। दो वर्ष पूर्व तत्कालीन बीडीओ चंद्रमोहन पासवान ने क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत या नए घर बनवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक इस दिशा में काम नहीं हुआ।
काम नहीं आया एसडीओ का आश्वासन :
वर्ष 2015 में तत्कालीन एसडीओ वरुण कुमार मिश्रा ने दल¨सहसराय के बीडीओ और सीओ को इस दिशा में जरूरी निर्देश दिए थे,लेकिन तत्कालीन बीडीओ ने मुखिया के माध्यम से कुछ चापाकलों की मरम्मत करा कर इतिश्री कर ली। इसके बाद कॉलोनी की समस्याओं की किसी ने सुधि नहीं ली।
वर्जन..
मैं हाल में ही आया हूं। दलित बस्ती के बारे में जानकारी मिली है। बस्ती के लोगों को सारी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अपने स्तर से प्रयास करूंगा। --विष्णुदेव मंडल, एसडीओ, दल¨सहसराय