रेल चक्का जाम में एक को जमानत
स्थानीय स्टेशन के रेल पुल के समीप 11 नवंबर 2015 को युवा शक्ति व जन अधिकार पार्टी ने रेल चक्का जाम कर आंदोलन किया था।
समस्तीपुर। स्थानीय स्टेशन के रेल पुल के समीप 11 नवंबर 2015 को युवा शक्ति व जन अधिकार पार्टी ने रेल चक्का जाम कर आंदोलन किया था। रेलवे सुरक्षा बल ने कांड संख्या 663/2015 के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में आरपीएफ ने 10 नामजद व 50-60 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें फरार अभियुक्तों को जमानत के लिए रेलवे न्यायालय ने वारंट जारी किया था। इसके उपरांत आरपीएफ ने आरोपियों को पेशी के लगातार दबिश बढ़ा रहे थे। आरोपियों पर रेलवे एक्ट के तहत धारा 145 रेल परिसर में हंगामा करने, धारा 146 सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, धारा 147 अनाधिकृत रूप से रेल परिसर में प्रवेश करने एवं धारा 174 में धरना प्रदर्शन व परिचालन बाधित करने का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में युवा शक्ति के जिलाध्यक्ष मनीष यादव ने मंगलवार को न्यायालय में उपस्थित हुए। रेलवे न्यायाधीश ने श्री यादव को जमानत पर रिहा कर दिया। न्यायाधीश ने 27 मार्च को अगली तिथि के लिए पेशी का आदेश दिया।
क्या है मामला
सांसद पप्पू यादव की घोषणा पर मणिपुर के लोगों को बिहार के रास्ते से ट्रेन से यात्रा नहीं करने देने को लेकर रेल चक्का जाम किया गया था। इसमें समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर बरौनी से नई दिल्ली जाने वाली वैशाली सुपरफास्ट एवं समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर कोलकाता-जयनगर एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया गया। इस दौरान काफी देर तक रेलवे ट्रैक पर इंजन के आगे खड़ा होकर सरकार विरोधी नारेबाजी की गई थी। दोनों ट्रेनें अलग-अलग तकरीबन 47 मिनट कर रुकी रही। इसके उपरांत आरपीएफ ने दल बल के साथ कार्रवाई करते हुए रेलवे परिचालन शुरू कराया था। इसमें कांड संख्या 663/2015 के तहत 10 नामजद एवं 50-60 अज्ञात लोगों को आरोपित किया गया था। इसमें युवा शक्ति के जिलाध्यक्ष मनीष यादव, जअप के रामवृक्ष राय, धीरेंद्र कुमार कनक, राज नारायण प्रसाद ¨सह, सचिन कुमार ¨सह, संजीव ¨सह, विपिन कुमार राय, संजीव पांडेय, गुंजन देवी, निगम साही सहित 50-60 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।