अभियंता व संवेदक से होगी 31 लाख की वसूली
रोसड़ा-बटहा पथ में बगैर काम के ही राशि उठाव करना संवेदक के साथ-साथ अभियंताओं को भी महंगा पड़ा।
समस्तीपुर। रोसड़ा-बटहा पथ में बगैर काम के ही राशि उठाव करना संवेदक के साथ-साथ अभियंताओं को भी महंगा पड़ा। भाकपा की अगुवाई में स्थानीय लोगों द्वारा की गई शिकायत पर ग्रामीण कार्य विभाग ने संज्ञान लिया और पूरे मामले की जांच के पश्चात् सम्बन्धित संवेदक एवं अभियंताओं से 30 लाख 89 हजार 119 रुपये वसूली का आदेश जारी कर दिया। साथ ही संवेदक को डिबार भी किया गया है। इस आशय की पुष्टि करते हुए वर्तमान कार्यपालक अभियंता रत्नेश पासवान ने बताया कि विभाग द्वारा तत्कालीन कार्यपालक अभियंता मो. खालिद से 05 लाख 98 हजार एवं सहायक अभियंता कुलानन्द यादव तथा कनीय अभियंता संजय कुमार प्रसाद, प्रत्येक से 04 लाख 98 हजार, जबकि संवेदक विन्देश्वरी प्रसाद से 14 लाख 94 हजार रुपये वसूली का आदेश दिया गया है। इस संबंध में सरकार के विशेष सचिव द्वारा जारी आदेश की प्रति सभी सम्बन्धित व्यक्तियों को उपलब्ध करा दी गई है। साथ ही जब तक संवेदक द्वारा उक्त राशि जमा नहीं कराया जाता है, तब तक उनके नाम से कोई दूसरा कार्य आवंटित नहीं किया जाना है।
मामले पर नजर
ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा रोसड़ा रेलवे गुमटी से बटहा विद्यालय तक पथ निर्माण कार्य हेतु 88 लाख 72 हजार की स्वीकृति दी गई थी। और निविदा के आलोक में सम्बन्धित संवेदक के नाम कार्यादेश जारी किया गया था। आदेश के पश्चात् संवेदक द्वारा उक्त सड़क पर कार्य तो अवश्य प्रारंभ किया गया, परंतु निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया। महीनों बीतने के बावजूद निर्माणधीन कार्य प्रारंभ नहीं होते देख भाकपा के राज्य परिषद् सदस्य सुरेन्द्र कुमार ¨सह मुन्ना ने विभागीय पदाधिकारी से लगातार शिकायत दर्ज करायी। लेकिन उस पर भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होते देख उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत् पूरी जानकारी हासिल की, जिसमें उन्होंने बगैर कार्य के ही संवेदक द्वारा राशि निकाले जाने का दावा करते हुए इस आशय की शिकायत विभागीय पदाधिकारी के साथ-साथ मंत्री एवं मुख्यमंत्री तक से कर डाली। उक्त आलोक में रोसड़ा पहुंचा विशेष जांच टीम ने पूरे मामले का जांच कर प्रतिवेदन समर्पित किया और उसमें गड़बड़ी पाकर सरकार ने वसूली की कार्रवाई की है।