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दस वर्ष पूर्व नि:संतान, अब हुई विधवा

समस्तीपुर। आज से दस वर्ष पूर्व रोसड़ा-¨सधिया पथ पर ही ढ़ट्ठा के निकट अधिवक्ता शिवशंकर झा के पुत्र की

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Jun 2017 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jun 2017 01:17 AM (IST)
दस वर्ष पूर्व नि:संतान, अब हुई विधवा
दस वर्ष पूर्व नि:संतान, अब हुई विधवा

समस्तीपुर। आज से दस वर्ष पूर्व रोसड़ा-¨सधिया पथ पर ही ढ़ट्ठा के निकट अधिवक्ता शिवशंकर झा के पुत्र की दर्दनाक मौत बस की चपेट में आने से हुई थी। और आज इसी पथ पर पांचोपुर के निकट बस की चपेट में आकर पिता की मौत हो गई। गुरुवार की अल सुबह घटी इस दर्दनाक घटना के बाद से बेसुध हुई अधिवक्ता की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। अब तक कई बार बेहोशी की स्थिति में पहुंच चुकी है। लोगों द्वारा लाख ढ़ाढ़स बंधाने के बावजूद चीत्कार और वेदना रुकने का नाम नहीं ले रहा। आखिर हो भी क्यों नहीं? दस वर्ष पूर्व रोसड़ा-¨सघिया पथ पर ढ़ट्ठा चौक के निकट तेज रफ्तार से आ रही टाटा 407 ने एक मात्र पुत्र अमृतेश झा को अपनी चपेट में ले लिया था। घटनास्थल पर ही उसकी भी मौत हो गई थी। पुत्र की मौत से नि:संतान होकर विक्षिप्तता अवस्था में पहुंची वीणा देवी करीब पांच-छ: वर्ष बाद सामान्य हो सकी थी। पति के सहारे जीवन काटने का सपना संयोकर अपने आप ढांढ़स बांध ली थी। आंतरिक वेदना के बावजूद दोनों पति-पत्नी का जीवन एक-दूसरे के सहारे चल रहा था। पर आज तो उनके जीवन की इंतिहा हो गई।

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प्रत्येक दिन की भांति गुरुरवार को भी उन्होंने अपने पति देव को नाश्ता आदि टिफिन में देकर न्यायालय के लिए यह सोच कर विदा किया था कि दोपहर का खाना साथ ही खाएंगे। लेकिन भगवान को शायद यह मंजूर नहीं था। घर से निकलने के महज एक घंटे बाद ही विधवा होने की सूचना मिलते ही वीणा देवी बेहोशी की हालत में पहुंच गई। वहीं घटना स्थल पर पहुंचे दर्जनों ग्रामीणों तथा अधिवक्ताओं की अश्रुधारा भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था।


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