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निदेशक प्रमुख ने सीएस से पूछा स्पष्टीकरण

समस्तीपुर : स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार पटना के निदेशक प्रमुख (प्रशासन) डा. आजाद ¨हद प्रसाद ने सिविल सर्

By Edited By: Published: Tue, 17 May 2016 11:25 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2016 11:25 PM (IST)
निदेशक प्रमुख ने सीएस से पूछा स्पष्टीकरण

समस्तीपुर : स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार पटना के निदेशक प्रमुख (प्रशासन) डा. आजाद ¨हद प्रसाद ने सिविल सर्जन डा. अवध कुमार को फटकार लगाते हुए स्पष्टीकरण पूछा है। साथ ही उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना तथा अनुशासनहीनता के आरोप में विभागीय कार्यवाही करने की भी चेतावनी दी है। साथ ही वांछित प्रतिवेदन के साथ स्पष्टीकरण पत्र कक्ष में सीएस को स्वयं उपस्थित होकर उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। बता दें कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिउरा चकसाहो, पटोरी में स्वास्थ्य प्रशिक्षक के पद पर पदस्थापित रघुनंदन यादव के नियुक्ति की वैधता की जांच कराकर रिपोर्ट सौपने का आदेश दिया था। बावजूद इसके सिविल सर्जन द्वारा समुचित रिपोर्ट निदेशक प्रमुख को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।

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क्या है मामला

निदेशक प्रमुख के अनुसार न्यायादेश के अनुपालनार्थ निदेशालय, स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार के पत्रांक 1007(4) दिनांक 14 नवंबर 2014 द्वारा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिउरा चकसाहो, पटोरी में स्वास्थ्य प्रशिक्षक के पद पर पदस्थापित रघुनंदन यादव के नियुक्ति की वैधता की जांच करते हुए आरोप पत्र विधिवत रुप से तैयार कर अभिलेखीय साक्ष्य के साथ निहित प्रावधानों के तहत स्पष्ट प्रतिवेदन 15 दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था। जिसके आलोक में सीएस द्वारा 21 मार्च 2015 द्वारा एक जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया था। जिसमें निदेशालय स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार के पत्रांक 1007(4) दिनांक 14 नवंबर 2014 का अक्षरश: अनुपालन नहीं किया गया। निदेशक प्रमुख ने जांच प्रतिवेदन को अस्पष्ट एवं अपूर्ण भी बताया था। साथ ही निदेशालय, स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार के पत्रांक 71(4) दिनांक 14 जनवरी 2016 द्वारा पुन: निदेशित किया गया कि समादेश याचिका संख्या 11187-2010 में दिनांक 11.7.2014 को पारित न्यायादेश का संपूर्ण अनुपालन करते हुए निदेशालय स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार के पत्रांक 1007(4) दिनांक 14.11.2014 में दिये गये निदेश का अक्षरश अनुपालन कर सुस्पष्ट प्रतिवेदन संगत कागजातों व साक्ष्यों के साथ एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना था। लेकिन, सिविल सर्जन द्वारा अब तक प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया गया है। इतने लंबे समय की अवधि व्यतीत हो जाने के उपरांत वांछित प्रतिवेदन अप्राप्ति की दशा में स्पष्टीकरण पूछा गया है।


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